उत्तरकाशी। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाला बाजगी समाज आज
पुरोला बाजार में गत दिवस विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बजंतरी उमड़े और उन्होंने सरकार को चेतावनी देने के लिए ढोल, नगाड़े, रणसिंघे बजाते हुए जुलूस निकाला। राज्य आंदोलनकारी घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन भी किया। उन्होंने तहसीलदार केपी नौटियाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में चेतावनी दी कि अपना वायदा शीघ्र पूरा करें अन्यथा आंदोलन प्रदेश भर में फैला दिया जाएगा।
इस मौके पर मौजूद चार धाम परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल ने भी बजंत्रियों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि राज्य आंदोलन के समय बाजगी समाज ने ढोल नगाड़ों के साथ जनता में जोश भरने में अहम भूमिक निभाई थी। वर्षों चले इस आंदोलन में बाजगी हमेशा सबसे आगे नजर आए। मगर वायदा करने के बावजूद सरकारों ने अभी तक भी इन्हें राज्य आंदोलनकारी का दर्जा नहीं दिया है।
उत्तराखंड आंदोलनकारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नत्थी लाल घलवान ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2009 से बाजगी बंधुओं को राज्य आंदोलनकारी घोषित करने की मांग की जा रही है, मगर अभी तक सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। इससे बाजगी समाज में सरकार के प्रति भारी नाराजगी है। आंदोलन में अमीन चंद शाह, बलदेव रावत, कमलदास, हुकमदास, उज्ज्वल दास, रुकम दास, अजब दास, धर्मदास समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।