नई दिल्ली। दिल्ली सरकार पर हाल ही में एक के बाद एक हुए हमलों के बाद मंगलवार को जब उसके कानून मंत्री
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पहली प्रतिक्रिया में कहा, ”जब से मैंने सीएनजी घोटाले में जांच के आदेश दिए हैं, केंद्र सरकार ने आपातकाल जैसी स्थिति बना दी है।” सिसोदिया ने कहा, ”कॉलेज के हलफ़नामे में यह साफ़तौर पर कहा गया है कि जितेन्द्र तोमर कॉलेज के छात्र थे और उन्होंने परीक्षा पास की है। यह मसला पहले ही अदालत में है, तब आख़िर तोमर को गिरफ़्तार करने की क्या जल्दबाज़ी थी? ” उन्होंने कहा कि तोमर कोई माफिया नहीं है जो उन्हें इस तरह उठा कर गिरफ़्तार कर लिया गया।
दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में केजरीवाल सरकार पर एक के बाद एक तीखे हमले हो रहे हैं। ‘आप’ का कहना है कि दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। अपराध शाखा ने कई ऐसे मामलों में जांच शुरू की है, जिसमें अनेक बड़ी हस्तियां बेनकाब हो सकती हैं। ‘आप’ का आरोप है कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए मोदी सरकार उप राज्यपाल के माध्यम से केजरीवाल सरकार के कार्यों पर अड़ंगा लगा रही है।
दिल्ली के उप राज्यपाल लै. नजीव जंग ने हाल ही में अपनी मर्जी से एमके मीणा को सरकार के अधीन काम कर रही अपराध शाखा में ज्वाइंट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। इससे पूर्व उप राज्यपाल ने दिल्ली सरकार में अधिकारियों की सारी नियुक्तियों को अपने अधीन लेने
का प्रयास किया। पूर्वी दिल्ली की भाजपा शासित नगर निगम ने भी फंड न होने की बात कहते हुए अपने सफाई कर्मचारियों का वेतन रोक दिया। इसके फलस्वरूप कर्मचारियों की हड़ताल के कारण दिल्ली में गंदगी के ढेर लग गए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने नगर निगम को 500 करोड़ रुपये जारी कर मुश्किल से पीछा छुड़ाया। हालांकि गत माह ही अपराध शाखा ने खुलासा किया था कि दिल्ली की नगर निगमों में 25 हजार के करीब ऐसे कर्मचारियों के नाम पर वेतन निकाला जा रहा है, जो वास्तव में हैं ही नहीं। अब कानून मंत्री की इस तरह उठा कर गिरफ्तारी ने केंद्र और दिल्ली सरकार के मध्य जंग और तेज कर दी है।
भाजपा के साथ ही कांग्रेस भी इस स्थिति का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के पूर्व क़ानून मंत्री वीरप्पा मोईली ने कहा है कि आप ने एक ऐसे आदमी को अपना क़ानून मंत्री बनाया जिनके गिरफ़्तार होने की संभावना थी। यह एक शर्मनाक बात है।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली के क़ानून मंत्री को, ”बगैर किसी नोटिस या पूर्व सूचना के दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है। केंद्र सरकार हमें डराना चाहती है, लेकिन हम डरने वाले नहीं।”
क़ानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए दावा किया, ”दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी उनके दफ़्तर आए और कहा कि हमें आपके घर जाना है, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि आपको हौज़ ख़ास थाना ले जाया जा रहा है।”
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह एक बैठक में थे और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है कि दिल्ली के क़ानून मंत्री को क्यों गिरफ़्तार किया गया।
तोमर के खिलाफ क्या है मामला?
बिहार के भागलपुर स्थित तिलका मांझी विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफ़नामा देकर कहा था कि जितेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रमाणपत्र पेश किया है ‘वो जाली है और विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता।’ हालांकि तोमर ने कहा था कि उनकी लॉ डिग्री 100 प्रतिशत असली है। इस संबंध में उन्होंने उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा है।