मंडी। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में देवी, देवताओं व डायनों आदि के अनेक दिलचस्प प्रसंग वर्ष भर चलते रहते हैं। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मान्यता है कि यहां
मंडी जिला में तुंगल क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बगलामुखी मंदिर सेहली के गूर ने गत दिवस वार्षिक जागरण के अवसर पर खुलासा किया कि वहां इस बार आषाढ़ माह की शैण एकादशी को देवी-देवताओं और डायनों के मध्य सात युद्ध हुए, जिसमें चार युद्ध डायनों और तीन देवताओं ने जीते।
तुगंल क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्ति पीठ माता बगलामुखी मंदिर सेहली में गत दिवस 58वीं वार्षिक जाग का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस दौरान पूरी रात भजन कीर्तन चलता रहा। मंदिर के पुजारी अमरजीत शर्मा ने बताया कि रात 12 बजे माता के गूर ने दिव्य शक्ति के साक्षात्कार करवाए। गूर ने देवताओं और डायनों के बीच हुए युद्धों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सभी देवी-देवता आषाढ़ महीने की शैण देवी एकादश को अपने-अपने स्थान छोड़कर युद्ध के लिए निकले और क्लंक चतुर्थी को अपने देवालयों में वापस लौटे। माता के गूर के अनुसार इस बार देवताओं और डायनों के बीच सात युद्ध हुए, जिनमें तीन जगह देवता जीते और चार स्थानों पर डायनें विजयी हुईं। गूर ने बताया कि पहला युद्ध समुद्र के टापू पर तथा अंतिम युद्ध घोघरधार में हुआ। सभी युद्धों के स्थान बदलते रहे।
पुजारी अमरजीत शर्मा के अनुसार माता के गूर ने इस बार क्षेत्र में फसलों की स्थिति सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है।