शिमला। हिमाचल प्रदेश में सीपीआई-एम के एकमात्र विधायक ने सरकार को दो टूक कह दिया, “यदि अदालत ने हमें गलत ठहराया तो मैं उसी वक्त विधानसभा से त्यागपत्र दे दूंगा।” राकेश सिंघा के खिलाफ सेब के बागीचे काटे जाने का विरोध करने पर सरकार ने जुब्बल- कोटखाई पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया है। उनके अतिरिक्त नगर निगम शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान सहित कुल 50 आंदोलनकारियों को भी अभियुक्त बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि अदालत के आदेश पर इन दिनों सरकारी भूमि पर अवैध रूप से लगाए गए सेब बागीचों को काटने का अभियान चला हुआ है। सीपीआई-एम का आरोप है कि अदालती आदेश की आड़ में सरकारी तंत्र मिलकीयती भूमि में भी गरीब किसानों के बागीचे काट रहा है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है। राकेश सिंघा और संजय चौहान का कहना है कि हम ऐसे पीड़ित किसानों की रक्षा के लिए आगे आए हैं, लेकिन सरकार को यह रास नहीं आ रहा।
ठियोग से सीपीआई-एम के विधायक राकेश सिंघा ने प्रतिक्रिया में सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा, “यदि अदालत ने हमें गलत ठहराया तो मैं उसी वक्त विधानसभा से त्यागपत्र दे दूंगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने अदालती आदेश की आड़ में इन दिनों सेब बागवानों पर एक तरह से युद्ध छेड़ रखा है, जिसमें किसानों की कोई दलील नहीं सुनी जा रही। सही- गलत की कोई परवाह नहीं की जा रही। मार्शल- लॉ में भी ऐसा नहीं किया जाता जैसा यहां बागवानों के साथ हो रहा है।
राकेश सिंघा ने कहा, “इस मामले में केस वास्तव में रोहड़ू के डीएफओ के खिलाफ दर्ज होना चाहिए था, जिसने बीपीएल परिवारों से संबंधित तीन बागवानों- ज्ञानचंद, सुरेंद्र और सोहन लाल की मिलकीयती भूमि पर लगे सेब के बागीचों को भी काट दिया। हम पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आगे आए। हमने डीएफओ को उनकी मिलकीयती भूमि के कागज भी दिखाए, लेकिन अधिकारी ने कुछ भी सुनने से इन्कार कर दिया। ..और अब हमारे खिलाफ ही सरकारी कामकाज में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया गया।”
राकेश सिंघा और संजय चौहान ने कहा कि- “यदि हमारा बागवानों के पक्ष में एक्शन गलत साबित होता है तो हम कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी भी कीमत में गरीबों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।” मीडिया के पूछने पर उन्होंने कहा कि- “हम कोर्ट और जनता की अदालत दोनों जगह में अपना पक्ष लेकर जाएंगे। सरकार हमारी आवाज बंद करना चाहती है, लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाएगी। ”