Advertising

Categories: राजनीति

धूमल के साथ किसने किया षड्यंत्र?

शिमला। प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हो चाहे पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल, भितरघातियों ने दोनों को ही नहीं बख्शा। लेकिन प्रो. प्रेम कुमार धूमल भितरघात के अतिरिक्त सुनियोजित षड्यंत्र का शिकार भी हुए। हालांकि विरोधियों को इसमें अधिक कामयाबी नहीं मिली, लेकिन पार्टी के प्रचार को इससे जरूर नुकसान पहुंचा। 

Advertisement

दरअसल, मोदी लहर के भरोसे भाजपा हाईकमान इस बार अलग रणनीति लेकर हिमाचल में आया था। उसने प्रदेश के स्थापित नेताओं को नजरंदाज कर हर फैसले लेने का अधिकार अपने पास सुरक्षित रख लिया था। इसमें टिकट आबंटन, चुनाव प्रचार की रणनीति से लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा तक सभी कुछ शामिल था। हाई कमान ने परोक्ष रूप से इसकी घोषणा काफी पहले शिमला में हुए पार्टी के सम्मेलन में कर दी थी। नेताओं को कड़ी हिदायत दे दी गई थी कि वे स्वयं को उम्मीदवार घोषित न करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, जिस तरह हाईकमान से अंगसंग थे, उससे साफ हो गया था कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने की योजना पहले से बनी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी कारण जेपी नड्डा के गृहक्षेत्र बिलासपुर में उस प्रस्तावित एम्स के शिलान्यास के लिए पहुंचे, जिसके लिए अभी तक पर्याप्त भूमि की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है।

हाईकमान ने प्रदेश में पूर्व निर्धारित योजना के तहत टिकटों का बंटवारा अपनी मर्जी से किया, जिससे संगठन सकते में आ गया और कई नेताओं को तो फूट- फूट कर रोते भी देखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के क्षेत्र पालमपुर से टिकट के लिए एकमात्र प्रवीण कुमार का नाम भेजा गया था, लेकिन उनका टिकट काटकर इंदू गोस्वामी को दे दिया गया। धर्मशाला से पूर्व परिवहन मंत्री किशन कपूर का टिकट भी काट दिया गया था, लेकिन बड़े विद्रोह की आशंका को देखते हुए बाद में उन्हें टिकट दे दिया गया। ऐसा ही और भी कई क्षेत्रों में हुआ।

धूमल के साथ षड्यंत्रः पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल को स्टार प्रचारक की पंक्ति से हटाने के लिए एक षड्यंत्र के तहत उनका हमीरपुर से टिकट काट दिया गया और चुनाव लड़ने सुजानपुर भेज दिया, जहां बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित हुए उन्हें जीतने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत थी। योजना यही थी कि धूमल सुजानपुर में फंस जाएंगे और जेपी नड्डा प्रदेश से एकमात्र स्टार प्रचारक के रूप में हर जगह घूमेंगे और समर्थकों के माध्यम से स्वयं को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रचारित करवाएंगे।             

ऐसी हालत में प्रो. प्रेमकुमार धूमल और शांता कुमार सहित प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को मजबूरन प्रचार के लिए सीमित दायरे में सिमटना पड़ा। भाजपा हाईकमान चुनाव प्रचार के पहले चरण तक अपनी रणनीति पर अडिग था, लेकिन मोदी लहर को लेकर फील्ड से खुफिया तंत्र की रिपोर्ट नकारात्मक आने के कारण, हाईकमान के हाथ पांव फूल गए और उसे मजबूरन प्रो. प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पड़ा।

हाईकमान के इस फैसले का संगठन में काफी स्वागत तो हुआ, लेकिन पार्टी को प्रचार में इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाया। इस फैसले से जेपी नड्डा और उनके समर्थकों के चेहरों पर हताशा के भाव साफ देखने में आए। जेपी नड्डा जिस उत्साह के साथ प्रदेश में प्रचार के लिए आए थे, वह बाद में नजर नहीं आया। मोदी, शाह, योगी की रैलियां अपनी जगह थीं, लेकिन प्रदेश के नेताओं में जोश का अभाव था। प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने अपने समर्थक नेताओं के पक्ष में प्रचार के लिए कुछ समय जरूर निकाला, लेकिन ज्यादातर समय उन्हें भी अपने क्षेत्र सुजानपुर में ही लगाना पड़ा।

माना जा रहा है कि प्रो. प्रेम कुमार धूमल परिणाम आने के बाद यदि मुख्यमंत्री पद तक पहुंच भी जाएंगे तो भी जेपी नड्डा उनके लिए बड़ी सरदर्द बने रहेंगे। उसी तरह जैसे कांग्रेस में कभी वीरभद्र सिंह के लिए पं. सुखराम बने थे। जिस तरह कभी कांग्रेस हाईकमान पं. सुखराम के साथ खड़ा था, आज उसी तरह भाजपा हाईकमान जेपी नड्डा के साथ है।

   

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

8 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement