नई दिल्ली। खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश की मंजूरी के रास्ते भारत में पैर पसारने की योजना बना रही अमरीकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट को खुद अमरीका में ही
वॉलमार्ट खुदरा क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है, जिसमें करीब 14 लाख लोग काम करते हैं। अमरीका में वॉलमार्ट के चार हजार से ज्यादा स्टोर हैं। वॉलमार्ट के खिलाफ मरीका में अपने कर्मचारियों को कम पगार देने की शिकायतें होती रहीं हैं। उनके बहुत से कर्मचारियों को सरकार से गरीबी भत्ता लेकर गुजारा करना पड़ता है। इसके अलावा वॉलमार्ट पर किए गए कई शोध बताते हैं कि जिस भी इलाके में उनका स्टोर खुलता है, वहां स्थानीय कारोबार पर बुरा असर पड़ता है और नौकरियां बढऩे के बजाए घट जाती हैं। इसी कारण वॉलमार्ट को अमरीका के कई शहरों में दुकान खोलने की मंजूरी नहीं है।
वॉलमार्ट की रणनीति
वॉलमार्ट पिछले कई सालों से न्यूयॉर्क शहर में प्रवेश की कोशिश कर रही है, लेकिन इसका काफी विरोध हो रहा है। इस बार वॉलमार्ट ने पहले से अलग रणनीति अपनाते हुए शहर के कुछ मजदूर यूनियनों और निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों को ये लालच देकर अपने साथ कर लिया कि वे उन्हीं की यूनियन के लोगों से अपने स्टोर का निर्माण करवाएंगे। लेकिन फिर भी शहर की कई अन्य यूनियन जैसे रिटेल वर्कर्स यूनियन और डिपार्टमेंट स्टोर्स वर्कर्स यूनियन, किराना स्टोर संघ जैसे छोटे व्यापारियों की यूनियन साथ मिलकर इनका विरोध कर रहे हैं।
सितंबर महीने में न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन इलाके में विरोध के चलते ही वॉलमार्ट को अपने स्टोर खोलने की योजना टालनी पड़ी। लेकिन वॉलमार्ट के सार्वजनिक मामलों के निदेशक स्टीवन रेस्तीवो ने एक बयान जारी कर कहा कि वह न्यूयॉर्क में स्टोर खोलने की कोशिशें जारी रखेंगे। उनका कहना है, ‘वॉलमार्ट अब भी न्यूयॉर्क शहर में आर्थिक विकास और शॉपिंग के नए विकल्प लाने के लिए कटिबद्ध है और हम शहर में स्थानीय स्तर पर स्टोर खोलने के मौकों का आकलन करते रहेंगे।’
यूनियनों का विरोध
न्यूयॉर्क राज्य की सबसे बड़ी किराना स्टोर संघ, द यूनाइटेड फूड एंड कमर्शियल वर्कर्स यूनियन ने वॉलमार्ट के विरोध में बड़ी भूमिका अदा की है। इस यूनियन के प्रवक्ता पैट्रिक परसेल कहते हैं, ‘यह तो हमारी जीत है, हम सब की जीत है। यह वॉलमार्ट के नुकसान से अधिक हमारे समुदाए की जीत के बारे में बताती है।’
वॉलमार्ट का विरोध करने के लिए एक संस्था भी गठित की गई है जिसका नाम ‘वॉलमार्ट फ्री न्यूयॉर्क सिटी’ है। इस संस्था के प्रवक्ता एरिक कोच कहते हैं, ‘वॉलमार्ट शहरी इलाकों में अपने स्टोर खोलने की कोशिश करती है और इसीलिए न्यूयॉर्क उसका प्रमुख निशाना है, लेकिन बजाए शहर के नियमों का पालन करने के वॉलमार्ट शहर में विज्ञापनों की बौछार करके और बेतहाशा पैसा खर्च करके स्टोर खोलने की मंजूरी पाना चाहती है।’
वॉलमार्ट पर शोध
न्यूयॉर्क शहर के पब्लिक एडवोकेट ‘बिल-दो ब्लासियो’ ने सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के हंटर कॉलेज के अर्थशास्त्रियों की एक टीम का वॉलमार्ट पर किया गया शोध भी प्रकाशित करवाया है। वॉलमार्ट पर वर्ष 2010 में तैयार की गई 12 पन्ने की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वॉलमार्ट की हर दो नौकरी के बदले में तीन नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
रिपोर्ट में शिकागो और ओहायो राज्यों में वॉलमार्ट के खोले जाने के बाद वहां की अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी की समस्या का भी आकलन किया गया है।
एक विरोध प्रदर्शन में न्यूयॉर्क शहर के पब्लिक एडवोकेट बिल दो- ब्लासियो ने वॉलमार्ट के बारे में कहा, ‘वॉलमार्ट कंपनी लोगों को अच्छी नौकरी और अच्छा पगार देने का वादा करती है, लेकिन सब झूठ है। आप अगर देखें तो जहां वॉलमार्ट स्टोर खुला है वहां नौकरियां खत्म हो गईं, छोटी दुकानें तबाह हो गईं। यह कंपनी शहर की अर्थव्यवस्था तबाह करके रख देती है। पूरे अमरीका में इस स्टोर के खुलने का यही नतीजा हुआ है और मध्यम वर्ग को कमजोर करने में इसका बहुत बड़ा हाथ है।’
इसी तरह शिकागो की लोयोला यूनिवर्सिटी में वॉलमार्ट पर शोध किया गया। वर्ष 2009 में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस इलाके में 2006 में वॉलमार्ट के स्टोर खुले, वहां स्थानीय व्यापार ठप हो गया। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वॉलमार्ट की वजह से एक मील के दायरे में एक साल के अंदर ही 25 प्रतिशत छोटी दुकानें बंद हो गईं।
इसके अलावा, इसी वर्ष जुलाई में किए गए क्यूनिपिएक के एक सर्वेक्षण के मुताबिक न्यूयॉर्क में 70 प्रतिशत लोग मानते हैं कि वॉलमार्ट के आने से छोटी दुकानों को नुकसान होगा।
वॉलमार्ट की न्यूयॉर्क के अलावा वॉशिंगटन डीसी और सैन फ्रैंसिस्को में कई नए स्टोर खोलने की योजना है, लेकिन वहां भी उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। (बीबीसी न्यूज़ सर्विस से साभार)
वॉलमार्ट अनर्थकारी, अमरीका में भी कड़ा विरोध
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