शिमला। माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा है कि देश में मौजूदा आर्थिक संकट का एकमात्र समाधान सरकारी निवेश को बढ़ावा देना ही है, लेकिन केंद्र सरकार इसके विपरीत काम कर रही है। सीताराम येचुरी मंगलवार को यहां नगर निगम के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि यूपीए-2 सरकार की गलत नीतियों के कारण आज देश घोर संकट से जूझ रहा है। विकास दर गिर कर पांच प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है, रुपये की कीमत न्यूनतम स्तर पर आ गई है और कृषि क्षेत्र की हालत भी लगातार बिगड़ रही है, जिस कारण किसानों की आत्महत्याओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। विश्व में आर्थिक संकट के चलते निर्यात नहीं बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की आर्थिक नीतियां एक समान होने के कारण आज एकमात्र वामपंथ ही है जिसके पास देश में मौजूद समस्याओं के समाधान के लिए सशक्त वैकल्पिक नीतियां हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ माकपा आगामी जुलाई-अगस्त माह में देश भर में धरना प्रदर्शन करेगी और सरकार पर इन नीतियों की दिशा को बदलने के लिए दबाव बनाएगी।
माकपा नेता के अनुसार शोर मचाया जा रहा है कि देश का बजट घाटा 5,21,000 करोड़ रुपये हो गया है और इसकी आड़ में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं व सब्सिडियां समाप्त की जा रही हैं, जबकि हकीकत यह है कि सरकार ने देश के बड़े औद्यौगिक घरानों को करों में 5, 28,000 करोड़ रुपये की छूट दी है। यानी कुल घाटे से 7 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की करों में छूट औद्योगिक घरानों की दी गई है। इसी का परिणाम है कि आज देश में अमीर और अमीर तथा गरीब और अधिक गरीब होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए इस समय सरकारी निवेश को बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। इस निवेश सेे अधिक सड़कों, नहरों व पुलों आदि का निर्माण किया जाए ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हों और आम जनता की क्रयशक्ति बढ़े। आम जनता की क्रयशक्ति बढऩे से घरेलू मांग बढ़ेगी और देश को निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था पर अधिक निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ठीक इसके विपरीत काम कर रही है, जिसके नतीजे आने वाले समय में और भयावह हो सकते हैं।