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अल्मोड़ा । पहाड़ी संस्कृति में देव आस्था का बहुत महत्व है। कठिन दौर में या कहें कि जब कोई समस्या बहुत विकट हो जाती है तो पहाड़ी लोग समाधान के लिए देवी देवताओं के शरण में चले जाते हैं। अल्मोड़ा में राजकीय बालिका इंटर कालेज (जीजीआईसी) की छात्राओं ने भी अंततः थकहार कर भूमियां मंदिर में अपने इष्टदेव की शरण में जाना ही बेहतर समझा।
राजकीय बालिक इंटर कालेज अल्मोड़ा में काफी समय से शिक्षकों के 13 पद रिक्त पड़े होने के कारण पढ़ाई लगभग चौपट हो चुकी है। कालेज की छात्राओं और स्थानीय लोगों ने सरकार से शिक्षकों की कमी को पूरा कराने के लिए हर तरह के हथकंडे आपना कर देख लिए। वे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाए भी और आंदोलन भी करके देख लिए, लेकिन उनकी किसी ने भी परवाह नहीं ली। इस कालेज में शिक्षकों के अनेक पद तो पिछले कई वर्षों से खाली चल रहे हैं। जैसे भौतिक विज्ञान प्रवक्ता का पद 11 साल से और भूगोल विषय के प्रवक्ता का पद पांच साल से खाली हैं।
चारों ओर से निराश छात्राओं ने अंततः मंगलवार को मासी के प्रसिद्ध भूमियां मंदिर में जाकर गुहार लगाई्। छात्राएं कक्षाओं का बहिष्कार किए बगैर मध्यावकाश के दौरान नारेबाजी करतीं हुई मंदिर परिसर पहुंचीं और देवता के समक्ष अपना दुखड़ा रोया। उन्होंने इष्ट देव से प्रदेश के जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि देने और शिक्षकों की कमी दूर करने की मन्नत मांगी। छात्राओं का कहना था कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता के चलते ही उन्हें भूमियां देवता की शरण में जाना पड़ा है। जुलूस में ममता आर्या, नीलम देवतला, कविता फुलोरिया, आशा शर्मा, ललिता साह, शालीनी वर्मा, वर्षिता मेहरा और प्राची बिष्ट के अलावा जिला पंचायत सदस्य महेश लाल वर्मा, गजेंद्र सिंह, रामसिंह और उमेश सती आदि भी शामिल थे।