कोटखाई। गैंगरेप और हत्या के अभियुक्त नेपाली युवक की पुलिस हिरासत में मौत की खबर से जनता का गुस्सा और भड़क गया और लोगों ने कोटखाई थाने पर धावा बोल दिया। आंदोलनकारियों ने थाने पर पथराव भी किया। पुलिस ने हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज का सहारा लेकर भीड़ को नियंत्रित किया।
नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या का यह खौफनाक मामला पुलिस के साथ ही प्रदेश सरकार के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। मामले की जांच में पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैये ने चुनावी वर्ष में कांग्रेस सरकार को भी मुश्किल में डाल दिया है। पिछले दिनों पुख्ता सबूतों के बिना ही पुलिस ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया था, जिसे जनता ने तुरंत नकार दिया।
अब भाजपा, माकपा सहित विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन चल रहे हैं। नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर भी कैंडल लाइट जुलूस निकाले गए हैं। पुलिस पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ के पहले से ही आरोप लग रहे हैं। पुलिस हिरासत में मौत से इन आरोपों को और बल मिला है। सरकार के अनुरोध पर जब तक सीबीआई जांच अपने हाथ में नहीं ले लेती है, जनता के धरना- प्रदर्शनों का दौर बढ़ते जाने की आशंका है।
पुलिस ने बहुचर्चित ‘कोटखाई प्रकरण’ के पांचों अभियुक्तों को कोटखाई थाने में रखा था। बीती रात किसी बात पर दो अभियुक्तों सूरज और राजेंद्र उर्फ राजू के मध्य किसी बात पर हाथापाई हो गई, जिसमें नेपाली मूल के युवक सूरज की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार राजू ने जोर से सूरज का सिर जमीन पर पटक दिया था। सूरज के सिर से बहुत अधिक खून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला लाया गया है।
घटना के बाद कोटखाई थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर किया गया है। खबर यह भी सुनने में आ रही है कि अभियुक्त सूरज सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गया था तथा इसी कारण उसकी हत्या की गई। हालांकि इस सूचना की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।