नाहन । सिरमौर जिला में औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब और पांवटा साहिब से पड़ोसी राज्यों- हरियाणा और उत्तराखंड को बड़े पैमाने पर चोर रास्तों से माल की
सिरमौर जिला में पांच बैरियर- कालाअंब, यमुना, बहरहाल, राजबन, हरिपुरखोल में स्थित हैं, लेकिन उद्योगपतियों ने इनसे बचने के लिए अनेक चोर रास्ते खोज निकाले हैं, जहां से रात के अंधेरे में माल सप्लाई कर वे करोड़ों रुपये का टैक्स बचाते हैं।
सूत्रों के अनुसार कालाअंब बैरियर से एक किलोमीटर दूर कालाअंब-त्रिलोकपुर मार्ग पर ही तीन चोर रास्ते हैं, जो हरियाणा की सीमा से कालाअंब मुख्य सड़क पर निकलते हैं। उद्योगपति इन चोर रास्तों का प्रयोग कर काफी टैक्स बचा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यहां पहला चोर रास्ता कालाअंब के बाजार के बीचोंबीच से निकलता है, जबकि दूसरा व तीसरा रास्ता कच्चा है, जो खेतों से होकर जाता है। यह नारायणगढ़ से कालाअंब के मुख्यमार्ग से मिलता है। उधर, नारायणगढ़ सीमा के साथ लगते मीरपुर-कोटला मार्ग का प्रयोग भी चोर रास्ते के रूप में किया जाता है। यह मार्ग बर्मापापड़ी गांव से आकर मिलता है, जहां से कालाअंब 20 किलोमीटर दूर है। सलानीपुल के समीप एक मार्ग का प्रयोग भी चोर रास्ते के रूप में किया जाता है। यह रास्ता पांवटा मार्ग के कोलर से सलानी होते हुए पुल से गुजरता है। सुकेती पुल पार्क के समीप रास्ते में से भी ट्रक टैक्स चोरी करते हुए सामान लेकर गुजरते हैं। पांवटा साहिब में यमुना के समीप सिंघपुरा-विकासनगर, यमुना नदी में दो गुप्त मार्गों का प्रयोग चोर रास्ते के रूप में किया जाता है। वहीं शिलाई-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित मिनस मार्ग का प्रयोग भी चोर रास्ते के रूप में किया जाता है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ आरपी शर्मा से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि विभागीय कर्मचारी इन चोर रास्तों पर पेट्रोलिंग करते रहते हैं। शीघ्र ही वहां निगरानी और कड़ी की जाएगी ताकि टैक्स की चोरी को रोका जा सके।