हमारी हिंदी में दो सनातन वाक्यों को खूब घिसा जाता है। पहला- ‘बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं करोगे?’ दूसरा- ‘अभिव्यक्ति के ख़तरे उठाने होंगे।’ काबुल यूनिवर्सिटी से आई तस्वीरों पर छाई चुप्पी... Read more
देश में महंगाई सारे रिकार्ड तोड़ती जा रही है, जिससे गरीबों का जीना दूभर हो गया है। आम जनता के लिए प्रोटीन का मुख्य स्रोत दालों की कीमतें तो आसमान ही छू चुकी हैं। कुव्यवस्था के चलते एक ओर हजा... Read more