नई दिल्ली। नोबल पुरस्कार विजेता आमर्त्य सेन ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकानॉमिक्स (एलएसई) में भीमराव अंबेडकर पर आयोजित एक समारोह में कहा है कि भारत की जाति व्यवस्था एंटी नेशनल है। आमर्त्य सेन (82) लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनामिक्स (एलएसई) में डॉ. अंबेडकर की मौजूदा समय और भविष्य में प्रासंगिकता के टॉपिक पर बोल रहे थे। इस सेमीनार का आयोजन फेडरेशन ऑफ़ अंबेडकारइट एंड बौद्धिष्ट ऑर्गेनाइजेशन यूके ने एलएसई के साथ मिलकर किया था।
उन्होंने हाल के दिनों भारत में लोगों को एंटी-नेशनल ठहराने के बढ़ते चलन पर कहा, “भारत में जो लोग एक ख़ास तरह की सोच से इत्तेफ़ाक नहीं रखते उन्हें एंटी नेशनल कहा जा रहा है, जबकि मेरे ख़्याल से जाति व्यवस्था एंटी नेशनल है, क्योंकि यह देश को बांटती है।”
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हम नेशनल होना चाहते हैं, एंटी नेशनल नहीं, इसके लिए हमें समाज में हर तरह के विभाजन को दूर करना होगा।” अंबेडकर को महान सामाजिक सुधारक और बौद्धिक चिंतक बताते हुए आमर्त्य सेन ने कहा, “शिक्षा के जरिए हम दुनिया में बदलाव ला सकते हैं। एक एकजुट देश के लिए बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें ये नज़रिया दिया था।”
भीमराव अंबेडकर ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनामिक्स से अपनी डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। वर्ष 1916 में अंबेडकर ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनामिक्स में प्रवेश लिया था। यह आयोजन एक तरह से अंबेडकर के लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनामिक्स में प्रवेश के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।