आधे से अधिक भारतीय लोग भले ही खुले में शौच करने जाते हों, लेकिन यह भी सच है कि यहां आधे से अधिक लोगों के पास मोबाइल फोन हैं। घरों और घरेलू सुविधाओं पर 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार भारत में 49.8 फीसदी लोगों के पास शौचालय नहीं हैं, लेकिन 63.2 फीसदी लोगों के पास टेलिफोन कनेक्शन हैं, जिसमें से 53 फीसदी लोगों के पास मोबाइल फोन कनेक्शन है।
जनगणना आयुक्त और रजिस्ट्रार जनरल सी चंद्रामौली का कहना है कि खुले में शौच करने की इस आदत के पीछे सांस्कृतिक और परंपरागत कारण और शिक्षा की कमी जिम्मेदार है।
झारखंड में सबसे ज्यादा 77 प्रतिशत लोगों को शौचालय नसीब नहीं है। दूसरा स्थान ओडिशा और तीसरा स्थान बिहार का है।
लक्षद्वीप में सबसे ज्यादा 93 फीसदी घरों में टेलिफोन हैं, जबकि दिल्ली का दूसरा और चंडीगढ़ का तीसरा स्थान है।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश यह बयान पहले ही दे चुके हैं कि भारतीय महिलाएं शौचालय से ज्यादा मोबाइल फोन को तरजीह देती हैं।
लकड़ी का ईंधन
ग्रामीण भारत की 62 फीसदी आबादी अब भी खाना बनाने के लिए लकड़ी के ईंधन का इस्तेमाल करती है। सिर्फ 28 फीसदी लोग ही खाना बनाने की गैस का इस्तेमाल करते हैं। 44 फीसदी लोगों के लिए साइकिल अब भी यातायात का मुख्य साधन है। 21 फीसदी लोग दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि मात्र 4.7 फीसदी लोगों के पास कारें हैं।
भारत के सिर्फ तीन प्रतिशत लोगों को इंटरनेट के साथ कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध है, जबकि अन्य 6 प्रतिशत लोगों के पास बिना इंटरनेट वाले कंप्यूटर हैं।
टेलीवीजन मनोरंजन का मुख्य साधन
आंकड़ों के अनुसार भारतीयों के लिए मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन टेलीविजन है। 47 फीसदी घरों में टेलीविजन ने अपनी पहुंच बना ली है।
देश के 33 फीसदी लोग पीने के लिए परिष्कृत पानी का इस्तेमाल करते हैं। 48 फीसदी घरों में पानी के निकास की कोई सुविधा नहीं है, जबकि 33 प्रतिशत घरों में पानी खुली नालियों के जरिए बाहर निकाला जाता है.
दिलचस्प बात यह है कि 86 फीसदी भारतीय अपने घरों में रहते हैं। इनमें से 36 प्रतिशत लोगों के पास एक कमरे का घर है। दो कमरे के घरों में रहने वाले लोगों की संख्या 31 फीसदी है, जबकि 100 में से 14 लोग ही तीन कमरों के घरों में रहते हैं।