शिमला। संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ के आह्वान का हिमाचल में भी व्यापक असर देखने को मिला। हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के बैनर तले किसानों- बागवानों ने जगह- जगह यातायात अवरुद्ध कर धरना प्रदर्शन किया। किसान प्रातः ही निर्धारित स्थलों पर एकत्रित हो गए थे। उन्होंने बीच सड़कों पर बैठकर यातायात अवरुद्ध किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शिमला में विक्ट्री टनल पर विभिन्न किसान, जनवादी, वामपंथी संगठनों ने घंटों चक्का जाम किया। इस प्रदर्शन में सीपीआई-एम के राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर, सीटू नेता विजेंद्र मेहरा, बलवीर पराशर, बाबूराम आदि ने मोर्चा संभाला, जबकि माकपा विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में किसानों- बागवानों ने ठियोग में चक्का जाम किया। आंदोलनकारी किसान- बागवान- ‘किसान विरोधी काले कृषि कानून वापिस लो’, ‘फसलों की एमएसपी की गारंटी दो’, ‘मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को वापिस लो’ और ‘बिजली संशोधन विधेयक वापिस लो’.. आदि नारे लगा रहे थे।
किसानों के आंदोलन के समर्थन में विभिन्न जनवादी, छात्र एवं मजदूर संगठनों ने भी जगह- जगह खूब प्रदर्शन किया। शिमला जिले के झाकड़ी में मजदूरों और किसानों ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया। समरहिल में जनवादी छात्र संगठन एसएफआई ने किसानों की मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया।
संयुक्त किसान मंच के आह्वान पर कुल्लू जिला में भी किसान, मजदूर, नौजवान, छात्र, महिला संगठनों ने मिलकर नेहरू पार्क से रैली निकाली और ढालपुर में चक्का जाम किया। प्रदर्शनकारियों को सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम और किसान सभा के नेताओं ने संबोधित किया।
शिमला जिले के बीथल में सीटू से संबंधित अडानी एग्री फ्रेश वर्कर्स यूनियन ने अडानी सीए स्टोर के बाहर किसानों- बागवानों की मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। रोहड़ू, कोटखाई, कोटगढ़, रामपुर, सोलन, ऊना, आनी आदि से भी भारत बंद के आह्वान पर किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने की खबरें मिली हैं।