मंडी। संघ- भाजपा के देशभर में शहरों/ स्थलों के नाम बदलने की कड़ी के चलते प्रदेश सरकार मंडी शहर का भी नाम बदलकर मांडव्य रखने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह ऐलान शुक्रवार को यहां नारला कॉलेज में क्लस्टर विश्वविद्यालय के भवन की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए किया। मंडी को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मांडव्य नगरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बनकर उभर रही है। हालांकि नाम परिवर्तन को लेकर उन्होंने कहा कि इसका अंतिम फैसला जनता के सुझावों के बाद ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडी का नाम बदलने को लेकर खुलकर सुझाव दें।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी तरह राजधानी शिमला का नाम बदलकर श्यामला करने की भी बात की थी, लेकिन जनता ने इसका कड़ा विरोध किया तो मामला शांत पड़ गया। अब मंडी की बारी है।
मंडी शहर के नामकरण को लेकर लोगों में दो मत हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मंडी का नाम प्राचीन ऋषि मांडव, जिन्होंने यहां लंबे समय तक तपस्या कर आलौकिक शक्तियां अर्जित की थीं, के नाम से पड़ा था, जबकि कुछ लोगों की धारणा है कि किसी समय यहां रही नमक की बड़ी मंडी के कारण ही शहर का नाम मंडी पड़ा। यहां द्रंग और गुम्मा में आज भी नमक की खानें हैं, जो सरकारी उपेक्षा के चलते बंद पड़ी हैं। गुम्मा में सफेद नमक और द्रंग में काले नमक की खानें हैं। किसी समय व्यापारी दूर- दूर से आकर यहां नमक का व्यापार करते थे।