पटना। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव को 3.5 साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा नहीं किए जाने पर छह माह की अतिरिक्त जेल भुगतनी पड़ेगी। रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को यह सजा सुनाई, जिस पर आरजेडी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। लालू प्रसाद को जमानत के लिए उच्च न्यायालय जाना पड़ेगा।
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाल ही में झारखंड के नेता मधुकौड़ा को अदालत ने हजारों करोड़ के घोटाले में मात्र तीन साल जेल की सजा सुनाई और उनकी तुरंत जमानत भी हो गई। लालू प्रसाद को मात्र 89 लाख रुपये के घोटाले में 3.5 साल की सजा सुनाई गई है और स्थानीय अदालत में उन्हें जमानत भी नहीं मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले से निराश व मायूस हैं तथा इसमें बड़ा षड्यंत्र महसूस कर रहे हैं।
लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा कि, “हम ऐसे हमलों से घबराने वाले नहीं हैं, बल्कि और मजबूती के साथ पब्लिक में जाएंगे।” भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, “अदालत के फैसले ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि लालू राज में बिहार में किस तरह खुली लूट मची हुई थी। जनता बेसब्री से फैसले का इंतजार कर रही थी।”
अदालत ने देवघर कोषागार से अवैध रूप से 89 लाख रुपये की राशि निकालने पर लालू प्रसाद यादव सहित 15 अन्य अभियुक्तों को गत 3 जनवरी को ही दोषी करार दे दिया था और इसके साथ ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। अदालत ने शनिवार को अन्य अभियुक्तों को भी 3 से 3.5 वर्ष की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा नहीं होने पर उन्हें भी छह- छह माह की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित सात अभियुक्तों को बरी कर दिया था। इस घोटाले में वर्ष 1996 में मामला दर्ज किया गया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद करीब 21 वर्ष बाद यह फैसला आया है। चारा घोटाले के एक अन्य मामले में लालू प्रसाद को पहले भी पांच साल की सजा हो चुकी है तथा कुछ समय जेल में रहने के बाद इन दिनों वे जमानत पर चल रहे थे। निकट भविष्य में ही इस घोटाले में लालू के खिलाफ दर्ज दो अन्य मामलों में भी अदालत का फैसला आने वाला है।
अदालत के इस फैसले से लालू प्रसाद यादव समर्थकों और आरजेडी कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। लालू प्रसाद यादव पहले ही घोषणा कर चुके है कि उनकी अनुपस्थिति में आरजेडी की कमान उनके पुत्र तेजस्वी यादव संभालेंगे।