शिमला। हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश में मंडी संसदीय क्षेत्र और तीन विधानसभा क्षेत्रों- जुब्बल कोटखाई, अर्की और फतेहपुर में हो रहे उपचुनावों में भाजपा का पुरजोर विरोध करने की घोषणा की है। सभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने विरोध के कारणों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि किसानों- बागवानों की दुर्दशा के लिए केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन की सरकारें बराबर की दोषी हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ खाद्य वस्तुओं की महंगाई चरम पर है तो दूसरी ओर किसान- बागवान जो फसलें उगा रहे हैं, उनके मंडियों में उचित दाम नहीं मिल रहे। केन्द्र सरकार जहां कृषि कानूनों के ज़रिये किसानों की ज़मीन को कारपोरेट घरानों के हवाले करने की साजिश रच रही है, वहीं प्रदेश सरकार की बेरुखी से भी किसानों परेशान हैं। किसान नेता ने कहा कि प्रदेश में जहां उप चुनाव हो रहे हैं, वहां सभी जगह के किसानों- बागवानों की फसलें बुरी तरह पिटी हैं।
मण्डी संसदीय क्षेत्र की चर्चा करते हुए डॉ. तंवर ने कहा कि इस क्षेत्र में सेब, सब्ज़ियों, मक्की आदि उत्पादों पर तो मार पड़ी ही, साथ में फोरलेन से प्रभावित लोग भी लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। उन्हें अपनी ज़मीन का उचित मुआवज़ा नहीं मिल रहा। यही नहीं उल्टा बल्ह क्षेत्र की उपजाऊ ज़मीन को प्रदेश और केन्द्र की सरकारें हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहण करने पर उतारू हैं।
जुब्बल- कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि यहां सरकारी उपेक्षे के चलते बागवान सेब का उचित दाम नहीं मिलने के कारण बहुत परेशान हैं। प्रदेश के 45 खण्डों में सेब पैदा होता है और शिमला जिला के अन्दर जुब्बल- कोटखाई खण्ड में सेब का सबसे ज्यादा उत्पादन किया जाता है। मगर इस बार प्राकृतिक आपदाओं के साथ- साथ सेब पर मण्डियों में भी बुरी तरह मार पड़ी। बागवानों की सेब की उत्पादन लागत तक वापिस नहीं आ पाई। लेकिन सरकार ने न तो प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का मुआवज़ा दिया और न ही सेब की कीमतों को स्थिर रखने के लिए कोई कदम उठाए। उल्टा मुख्यमंत्री का बयान आया कि- ‘अब सेब सीजन समाप्त हो गया है, इसलिए यह कोई मुद्दा ही नहीं है।’
किसान नेता ने कहा कि फतेहपुर में मंड क्षेत्र के किसानों की खरीद केन्द्र की समस्या अभी भी बरकरार है। किसान सभा के साथ- साथ मंड संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने फतेहपुर और इंदौरा में धान के लिए पांच खरीद केन्द्र खोलने की मांग उठाई थी। सरकार ने तीन खरीद केन्द्रों की घोषणा की, लेकिन वहां भी अभी तक धान की फसल की बिक्री सुचारू रूप से चालू नहीं हुई है। किसानों का धान बर्बाद हो रहा है, क्योंकि पंजाब ने पहले ही अन्य प्रदेशों का धान खरीदने से मना कर दिया है।
उहोंने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र के सब्ज़ी उत्पादक भी मण्डी की मार से अछूते नहीं रहे। इस बार टमाटर की जो दुर्दशा हुई, वह किसी से छिपी नहीं है। किसानों को मण्डी तक टमाटर पहुंचाने का खर्च भी पूरा नहीं हो पाया। टमाटर का खराब बीज निकलने से भी किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
डॉ. तँवर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकारों का किसानों की आय दुगना करने का वाय न सिर्फ जुमला साबित हुआ है, बल्कि किसानों की आमदनी लगातार घट रही है। किसान अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन करते हैं तो उन्हें गाड़ी से कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए किसान सभा ने फैसला लिया है कि प्रदेश में हो रहे उपचुनावों में भाजपा का कड़ा विरोध किया जाएगा।
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