सोलन। विश्व धरोहर कालका- शिमला रेलवे ट्रैक पर बड़ोग टनल से ठीक पहले रेलकार पटरी से उतर गई। हादसे के बाद शिमला की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लग गई। एक ट्रेन को धर्मपुर रेलवे स्टेशन पर रोका गया है। इस हादसे में किसी भी यात्री को चोट नहीं आई। उन्हें बीच जंगल में वर्षा में परेशान होना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह रेलकार यात्रियों को लेकर सुबह करीब पांच बजे कालका से शिमला की ओर चली थी। यह कुमारहट्टी से 6:55 बजे बड़ोग के लिए निकली। जैसे ही यह रेलकार 07:05 बजे 33 नंबर बड़ोग टनल के समीप पहुंची तो उसके अगले दो पहिए पटरी से उतर गए। उस समय भारी बारिश हो रही थी। चालक की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से टल गया।
चालक ने इसकी सूचना कुमारहट्टी व बड़ोग रेलवे स्टेशन को दी। वहां से तुरंत रेलवे कर्मी मौके पर पहुंचे। रेलवे किट राहत ट्रेन को कालका से बुलाया गया। समाचार लिखने तक रेलकार को पटरी पर लाने के प्रयास किया जा रहा था।
भूस्खलन से डेढ़ घंटा थमे वाहनों के पहियेः कालका- शिमला नेशनल हाईवे पांच पर बुधवार को कंडाघाट में क्यारीबंगला के समीप भारी वर्षा के कारण से करीब डेढ़ घंटे यातायात बाधित रहा। कुमारहट्टी और धर्मपुर के समीप भी पहाड़ियों के दरकने की सूचना मिली है। बारिश के बीच परवाणू से कैथलीघाट तक लोगों को परेशान होना पड़ा। सूचना मिलने के पर पुलिस व फोरलेन कंपनियों की टीमों ने मोर्चा संभाला और यातायात बहाल किया।
एनएच पर परवाणू से सोलन तक प्रथम चरण और सोलन से कैथलीघाट तक दूसरे चरण में फोरलेन निर्माण कार्य चला हुआ है। बारिश के बाद वहां पहाड़ियों के दरकने का खतरा पैदा हो जाता है। वाहन चालक भी जान जोखिम में डाल यहां से निकल रहे हैं।
जल शक्ति विभाग को लाखों का नुकसानः जल शक्ति विभाग मंडल सोलन को दो दिनों में हुई बारिश से करीब 20 लाख का नुकसान हुआ है। कई जगहों पर पंप हाउस में मशीनें खराब हुईं, जबकि पाइपों के टूटने के मामले भी आए हैं। विभाग ने नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी है। जल शक्ति विभाग सोलन के अधिशासी अभियंता ई. रविकांत शर्मा ने बताया कि बारिश से करीब 20 लाख का नुकसान हुआ है। अधिकतर जगहों पर पाइपें टूटने के मामले हैं।
माजरा में बारिश की भेंट चढ़ा मकानः नालागढ़ (सोलन)। माजरा गांव में बारिश की वजह से गरीब परिवार सोमनाथ का मकान गिर गया। हादसे के समय मकान में अंदर कोई नहीं था, जिस कारण जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
सोमनाथ का एक पक्का कमरा था, जबकि दूसरा कमरा कच्चा था। कच्चे कमरे पर तिरपाल डाली हुई थी। इससे बारिश में पानी टपक रहा था। मंगलवार सुबह हुई बारिश के दौरान करीब आठ बजे अचानक लैंटर वाला कमरा ढह गया। दूसरे कमरे में भी पानी टपक रहा है। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार आशा राम मौके पर गए और पीड़ित व्यक्ति को दो हजार रुपये फौरी राहत के रूप में दिए। इसके साथ उन्होंने कच्चे कमरे पर डालने के तिरपाल भी दिया।