बेंगलुरु । बेंगलुरु की शान मानी जाने वाली निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार सायं किन्हीं अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गौरी लंकेश शाम को बेंगलुरु स्थित अपने घर लौटी ही थीं कि कुछ लोगों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। उन्हें हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से पहले से ही ह्त्या की धमकियां मिल रही थीं।
पत्रकार की हत्या की खबर मिलते ही पूरा देश सन्न रह गया। कर्नाटक राज्य में अनेक बुद्धिजीवियों ने सोशल मीडिया में टिप्पणी कर भाव व्यक्त किया कि- चुनाव से पूर्व कर्नाटक अब दक्षिण का गुजरात बनने की ओर अग्रसर है। इस घटना के विरोध में कर्नाटक राज्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश भर में धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार गौरी लंकेश एक पत्रिका ‘लंकेश’ का संचालन करती थीं, जिसमें वे कट्टर हिंदुत्वादियों का भी निर्भीकता से विरोध करती थीं। बताया जाता है कि कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने भाजपा पर एक आर्टिकल लिखा था,जिसके बाद कर्नाटक के धारवाड़ जिले के सांसद प्रह्लाद जोशी और भाजपा नेता उमेश दुशी ने उन पर मानहानि का मामला दर्ज किया था, जिसमें उन्हें कुछ जुर्माने की सजा भी सुनाई गई थी। गौरी लंकेश ने इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की थी।
विख्यात वामपंथी विचारक एवं प्रगतिशील लेखक बादल सरोज ने टिप्पणी की- “जो लोग समझते हैं कि कारपोरेट के मुनाफे जुटाने के लिए हिंदुत्व की घंटियां बजाने वाले ठग सिर्फ कुलबुर्गी, दाभोलकर या पानसारे तक रुक जायेंगे, वे भोले और शुतुरमुर्गी हैं। पत्रकार, लिखने- सोचने और प्रश्न करने वाले हर व्यक्ति, संस्थान, संगठन एवं विचार उनके निशाने पर हैं। उनके निशाने पर हर वह व्यक्ति है जो इस तरह की लूटों और अन्याय के खिलाफ है।”
कर्नाटक के DGP ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि “गौरी ने कभी भी सुरक्षा की मांग नहीं की थी, लेकिन यह हत्या बेंगलुरु पुलिस के लिये एक चुनौती है। उसे हत्यारों को जल्द ही पकड़ना होगा और उन को भी जो इस हत्या के षड्यंत्र में शामिल होंगे।”