शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मानव भारती विश्वविद्यालय (MBU) की फर्जी डिग्रियों की जांच में बरती जी रही ढील पर संबंधित जांच कमेटी को कड़ी फटकार लगाते हुए जवाब दायर करने के लिए तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष उक्त मामले पर सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट ने तीन साल में भी प्रमाणपत्रों का सत्यापन और अन्य जांच पूरी न होने पर हैरानी जताई और कहा कि प्रभावित विद्यार्थियों को कई दशकों तक अपनी मेहनत से हासिल डिग्रियों के लिए इंतजार नहीं करवाया जा सकता।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय से डिग्रियां दिलाने की गुहार लगाई है। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि डिग्रियां न मिलने से उन्हें उच्च शिक्षा पाने के लिए आगे प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर तीन वर्ष पूर्व निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए एक कमेटीका गठन किया था। इसके बाद सैकड़ों विद्यार्थियों ने कमेटी के पास अपने प्रमाणपत्र जांचने के लिए दिए थे, लेकिन जांच का काम अभी तक भी पूरा नहीं हुआ।
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने वर्ष 2019, 2020 और 2021 में जो परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं, उनके प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं। विद्यार्थियों ने अदालत में गुहार लगाई है कि मामले की जल्द जांच पूरी करने के लिए पुलिस को निर्देश दिए जाएं ताकि उन्हें उनकी डिग्रियां मिल सके। मामले पर आगामी सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।