देहरादून। उत्तराखंड में किसानों के आंदोलन ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के साथ- साथ मंत्रियों, विधायकों एवं भाजपा नेताओं के घेराव का सिलसिला चल निकला है। संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर को प्रस्तावित भारत बंद की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने शुक्रवार को नैनीताल में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत का काफिला रोक दिया और काले झंडे दिखाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बंशीधर भगत शुक्रवार को टूरिज्म सेंटर चूनाखान में सड़क मार्ग का शिलान्यास करने पहुंचे थे। शिलान्यास के बाद जैसे ही मंत्री का काफिला इको टूरिज्म सेंटर से लगभग 50 मीटर आगे बढ़ा तो भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने उनका काफिला रोक दिया। हाथों में काले झंडे लिए किसानों ने मंत्री को काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी की- ‘किसान विरोधी कृषि कानून वापस लो।’
किसानों ने काफी देर तक मंत्री का काफिला रोके रखा। पुलिस ने कड़ी मेहनत से उन्हें हटाया और मंत्री के काफिले को आगे बढ़ाया। किसान यूनियन के सदस्यों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जब तक किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के मंत्रियों का विरोध करते रहेंगे।
भारत बंद को सफल बनाने के लिए तैयारियां- डोईवाला। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद को सफल बनाने के लिए भी किसानों ने तैयारियां शुरू कर दी है। गन्ना समिति डोईवाला परिसर में गत दिवस किसानों ने इसी तैयारी के सिलसिले में एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने भाग लिया।
किसान सभा के प्रदेश महामंत्री गंगाधर नौटियाल ने कहा कि कहा कि यह लड़ाई अकेले किसानों की नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जो किसानों की मेहनत पर जिंदा है। भारत बंद के लिए सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने भारत बंद को सफल बनाने के लिए सभी किसानों, मजदूरों, व्यापारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों को एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से टकराव की नीति अपना रही है, जो आने वाले समय में उसे बहुत भारी पड़ेगी।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह सहित संयुक्त सचिव याकूब अली, किसान नेता गौरव चौधरी, जाहिद अंजुम, उम्मेद वोरा, सुरेंद्र खालसा, गुरदीप सिंह और अश्वनी त्यागी आदि ने भी बैठक में अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में किसान नेता मोहित उनियाल, हाजी अमीर हसन, जसवंत सिंह, इंद्रजीत सिंह, बलविंदर सिंह, प्रियांशु सक्सेना, रविन्द्र, गुरचरण सिंह, हरविंदर सिंह, शुभम कांबोज, जसबीर सिंह, भजन सिंह आदि भी मौजूद थे।
भूमि बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन: अल्मोड़ा। भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले वीरवार को चितई में रैली निकाली गई। इस मौके पर एक सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने आरोप लगाया कि गुजरात के एक पूंजीपति ने मन्योली (चितई) में 108 नाली भूमि बागवानी के नाम पर खरीदी है और उसकी आड़ में आसपास व्यापक स्तर पर सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कारोबारी अब तारबाड़ कर ग्रामीणों के आम रास्तों को भी अवरुद्ध कर रहा है।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने मांग की कि अवैध रूप से कब्जाई गई जमीन जल्द सरकार के पक्ष में जब्त की जाए और उत्तराखंड सरकार के कृषि भूमि की असीमित खरीद फरोख्त की छूट देने वाले कानून को शीघ्र निरस्त किया जाए। समिति के सदस्य दीवान सिंह ने कहा कि हमें अपनी भूमि बचाने के लिए एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है। इससे पूर्व जन गीतों व नारों के साथ चितई कस्बे में रैली निकाली गई। वहां पर केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा, हिमांशु पांडे, किरन आर्या, आनंदी देवी, हीरा देवी, जमन सिंह, भारती पांडे, हिमांशु बोरा आदि थे।