शिमला। हिमाचल प्रदेश में मॉनसूनी हवाओं ने अंतिम चरण में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफेदी बिखेर दी है, जबकि निचले क्षेत्रों में वर्षा का कहर जारी है। राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में शरद ऋतु शुरुआत हो गई है। शीघ्र ही इसका प्रभाव निचले क्षेत्रों में भी फैलता जाएगा।
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की ऊंची चोटियों और रोहतांग दर्रा में पिछले 24 घंटों के दौरान बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को नेहरू कुंड के समीप पत्थर गिरने से रोहतांग दर्रा होकर लाहौल की ओर जाने वाले तेल के टैंकर नहीं चल पाए। दोपहर बाद छोटे वाहन पर्यटकों को लेकर रोहतांग दर्रा होते हुए कोकसर पहुंचे।
वहीं मनाली- लेह मार्ग के बारालाचा पास में और कुंजम दर्रा में भी हिमपात हुआ है। लगभग 48 घटे की बारिश से किसानों को नकदी फसल खराब होने का डर सता रहा है। बारिश के चलते दो दिन से किसान फसल नहीं काट पा रहे हैं। भारी बारिश और बर्फबारी के बाद सोमवार को दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली और धूप खिली। इससे लोगों ने कुछ राहत महसूस की।
केलांग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मंगलचंद मनेपा ने कहा कि कुंजुम दर्रे पर ताजा बर्फबारी के चलते कुल्लू-काजा बस सेवा को फिलहाल बंद कर दिया गया है। जैसे ही मार्ग बस चलाने योग्य होगा, बस सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। सोमवार सुबह ग्रांफू-काजा मार्ग के डोहरनी के समीप चट्टानें गिरने से अवरुद्ध सड़क को बहाल करने के लिए बीआरओ ने मशीनें तैनात कर दी हैं। सड़क बाधित होने से काजा से कुल्लू जा रही बस की सवारियों को शिफ्ट कर गंतव्य तक पहुंचाया गया है। उधर, एचआरटीसी ने लेह के लिए भी रविवार से बस सेवा बंद कर दी है।
उधर, किन्नौर जिले के पूह खंड में विगत रात्रि थौंगपेत गारंग नाला के पास भूस्खलन की चपेट में आने से नेपाली मूल के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो महिलाएं घायल हैं। रामपुर बुशहर के दुर्गम क्षेत्र 15/20 के सुरू के पांगीधार में पहाड़ी दरकने से 11 भेड़ों की मौत होने और दर्जनों भेड़ों के लापता होने की सूचना है। भेड़ पालकों ने भागकर अपनी जान बचाई। राज्य में मॉनसून के अभी सप्ताह भर और रहने का अनुमान है।