नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर में देश के अलग अलग हिस्सों से जमा हुए कम से कम 50 हजार लोग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के तरफ रवाना हो
एक सामाजिक संगठन एकता परिषद के झंडे तले जमा हुए यह लोग देश के अलग अलग हिस्सों से आए हैं। इन लोगों को दिल्ली आने से रोकने के लिए किए केंद्र सरकार द्वारा अब तक किए गए सभी प्रयास विफल हो गए हैं। मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर पहुंच कर जमा लोगों को यह समझाने की कोशिश की थी कि सरकार उनके लिए कानून बना रही है और उनकी समस्याओं को हल करने की पूरी कोशिश कर रही है। लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण आंदोलनकारी नहीं माने।
अपनी इस यात्रा के जरिए एकता परिषद केंद्र सरकार पर यह दबाव डालने की कोशिश कर रही है कि वो किसी तरह से गरीब लोगों को जमीन का अधिकार दिलाने के लिए कोई संवैधानिक रास्ता निकाले। एकता परिषद का कहना है कि बिना जमीन के अधिकार के लोगों को गरीबी के चंगुल से नहीं बचाया जा सकता।
एकता परिषद के नेता पीवी राजगोपाल का कहना है कि केंद्र सरकार उन्हें छोटी रियायतें दे कर उनके आंदोलन को कमजोर करना चाहती है।
हालांकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश का कहना है कि उन्होंने 11 अक्तूबर को आंदोलनकारियों को दिल्ली बुलाया है ताकि कोई रास्ता निकाला जा सके। उनका कहना है कि अगले छह महीने वे राज्य सरकारों से बात करेंगे ताकि आंदोलनकारियों की मांगों को सुलझाने के लिए बीच का रास्ता निकाला जा सके।
पीवी राजगोपाल का दावा है कि अभी दिल्ली की तरफ कूच करने वाले लोगों की संख्या 50,000 है, लेकिन दिल्ली पहुंचते-पहुंचते यह संख्या एक लाख तक हो जाएगी।”
राजगोपाल का दावा है कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ एक मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने आवास के अधिकार को मूलभूत अधिकारों में शामिल करने की बात पर सहमति जताई थी।
पचास हजार गरीबों ने किया दिल्ली की तरफ कूच
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