उन्होंने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत की भूमि पर लम्बी दूरी की मिसाइलें स्थापित किए जाने से भी लगातार खतरा बना हुआ है। बड़ी संख्या में चीनी ट्रुपों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में देखा गया है। चीन के सैनिकों ने लेह-लद्दाख क्षेत्र में सड़क निर्माण को रूकवाने के लिए बाध्य किया। अरूणाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध कर चीन ने भारत की अखंडता एवं संप्रभुता का विवाद पैदा कर दिया है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि तिब्बत की भूमि पर चीन ने रेल नेटवर्क के अलावा अत्याधुनिक हवाई पट्टी स्थापित की है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जाहिर है कि सीमा पार सामरिक महत्व की व्यापक संचार सुविधाएं स्थापित की गई हैं। 1962 के कटु अनुभव को देखते हुए सीमा के इस पार प्रभावी प्रतिरोधक प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है।
प्रो. धूमल ने पत्र में कहा कि राष्ट्र हित और हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास की दृष्टि से उन्होंने गत दो-तीन वर्षों से लेह-लद्दाख तक रेल नेटवर्क को पहुंचाने का मामला केंद्र से बार-बार उठाया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से भानुपल्ली-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-लेह- लद्दाख रेल मार्ग का शीघ्र निर्माण करनेऔर मौजूदा पठानकोट-जोगिन्द्रनगर रेल मार्ग को ब्रॉड गेज करने तथा सामरिक महत्व को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में विश्व स्तर की हवाई पट्टी विकसित करने का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए राष्ट्र हित में पग उठाए जाने चाहिए तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों एवं पुलों जैसी विश्वस्तरीय संचार सुविधाओं का निर्माण किया जाना चाहिए।