नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेकर दोनों नेताओं ने घर वापसी कर ली है। पिछले कई दिनों से इसके कयास लगाए जा रहे थे। यशपाल आर्य को मनाने स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके घर तक गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में यशपाल और संजीव आर्य ने घर वापसी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद रहे।
यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। यशपाल आर्य उत्तराखंड सरकार में मंत्री थे और उनके पास छह विभाग थे, जिसमें परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग शामिल थे।
यशपाल और संजीव आर्य ने 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने तब दोनों को पार्टी प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया।
यशपाल आर्य छह बार विधायक रह चुके हैं। पूर्व में वे उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। यशपाल आर्य पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे। वह पहले भी काफी समय तक कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं।
भाजपा ने भी तोड़े तीन विधायकः उत्तराखंड में चुनाव से पहले दल बदल की सियासत एक परंपरा बन गई है। भाजपा ने पिछले दो माह में तीन विधायकों को पार्टी में शामिल करा लिया है। इनमें पुरोला से कांग्रेस राजकुमार, धनौल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार और भीमताल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा शामिल हैं।