शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शनकारी युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के मध्य जमकर खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 10 कार्यकर्ता और एएसपी सहित पुलिस के 5 जवान घायल हो गए। घायलों का आईजीएमसी में इलाज चल रहा है। दो कार्यकर्ताओं की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस के इस नृशंस लाठीचार्ज के विरोध में विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से तुरंत वॉकआउट किया और सभी विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए।
युवा कांग्रेस ने केंद्र व प्रदेश सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों, महंगाई, भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में विधानसभा घेराव की घोषणा कर रखी थी, जिससे निपटने के लिए पुलिस ने भी पूरी तैयारी की हुई थी। युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मनीष ठाकुर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पहले चौड़ा मैदान रैली निकाली और फिर जोरदार नारेबाजी करते हुए जैसे ही वे विधानसभा की ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें बैरिकेट लगाकर रोक दिया।
कार्यकर्ता पूरे जोश में थे और उन्होंने पूरी ताकत से बैरिकेट लांघने की कोशिश की। पुलिस के काफी रोकने के बावजूद जब कुछ कार्यकर्ता बैरिकेट लांघने में कामयाब हो गए तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। महिलाओं पर तेज पानी की बौछारें की गईं, जिस पर कार्यकर्ता भड़क गए और पुलिस से भिड़ गए। कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव भी किया। इस संघर्ष में युवा कांग्रेस के 10 कार्यकर्ता और एएसपी मन मोहन सहित पुलिस के 5 जवान घायल हो गए।
लाठीचार्ज की खबर मिलते ही कांग्रेस ने तुरंत सदन से वॉकआउट कर दिया और सभी विधायक नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए। उनके साथ बड़ी संख्या में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता भी जुड़ गए और उन्होंने जयराम सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की।
सुखविंद्र सुक्खू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बिना जांच कराए ही इस प्रकरण में पुलिस को क्लीन चिट दे दी है, जिसका मतलब है कि अब सरकार के खिलाफ जो भी जुबान खोलेगा, उसे पुलिस बल द्वारा कुचल दिया जाएगा। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।