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पर्यटन का सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत योगदान

शिमला। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का लगभग 25 प्रतिशत योगदान रहेगा। इससे रोजगार एवं स्वरोजगार के भी व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने वीरवार को यहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पत्रिका ‘लोनली प्लेनेटÓ द्वारा प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ साहसिक गंतव्य-2011 के लिए प्रदान की गई ट्रॉफी को उन्हें प्रस्तुत किए जाने के अवसर पर यह बात कही।

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प्रो. धूमल ने हिमाचल प्रदेश को देश का पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग, ट्रैवल एजेंटों, होटलियर्स, पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल अभियान के आयोजकों के योगदान को सराहते हुए उन्हें बधाई दी। प्रदेश को इस तरह का प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना इस बात का प्रमाण है कि राज्य में साहसिक पर्यटन को व्यापक प्रोत्साहन मिला है जिसके परिणामस्वरूप रोमांच एवं असीमित आनंद की चाह में पर्यटक बार-बार यहां आते हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य को मिले पांच दर्जन से अधिक पुरस्कारों में से ज्यादातर पर्यटन क्षेत्र में ही मिले हैैं जो पर्यटन क्षेत्र में हुई प्रगति को दर्शाते हैं। प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या में वर्ष इजाफा हो रहा है। पिछले वर्ष 1.5 करोड़ पर्यटकों ने राज्य का दौरा किया, जिनमें लगभग 5 लाख विदेशी पर्यटक थे। देश के अन्य सभी राज्यों में आने वाले विदेशी पर्यटकों में सर्वाधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों में विविधता लाने के लिए पर्यटन विभाग ने कई नई योजनाएं आरंभ की हैं जिनके वांछित परिणाम सामने आए हैं। प्रदेश के पारंपरिक आतिथ्य का अनुभव लेने के लिए पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण पसंद कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की ‘होम स्टे योजनाÓ खूब लोकप्रिय हुई है और ग्रामीण भी काफी संख्या में अपने आवासों को इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत करवाने के लिए आगे आ रहे हैं। प्रदेश सरकार की ‘हर गांव की कहानीÓ योजना विभिन्न गांवों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं उनसे जुड़ी रोचक कहानियों की जानकारी उपलब्ध करवा रही है।

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मुख्य सचिव एस. रॉय, जिनके पास प्रधान सचिव पर्यटन का कार्यभार भी है, ने कहा कि साहसिक पर्यटन गतिविधियॉें से राज्य के पर्यटन व्यवसाय में विविधता और सुधार आएगा। प्रदेश में विश्वस्तरीय रीवर राफ्टिंग और पैरा ग्लाइडिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं। वहीं युवाओं में हेली स्कीइंग और ट्रैकिंग काफी लोकप्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि भविष्य में हेली ट्रैकिंग का आयोजन किया जाएगा और ‘हर गांव की कहानीÓ कार्यक्रम के अंतर्गत साहसिक गतिविधियों को और विस्तार दिया जाएगा। प्रदेश के शांत वातावरण में रोइंग, कैनोइंग, जॉर्बिंग और रीवर क्रॉसिंग के लिए अधिकाधिक सैलानी आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा पर्यावरण मित्र परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए पिछले एक दशक से माउंटेन बाईकिंग का नियमित आयोजन किया जा रहा है।

पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक डॉ. अरुण शर्मा भी इस अवसर पर मौजूद थे।

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हिम न्यूज़पोस्ट.कॉम

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