ब्रिटिश शासनकाल में मुंशी सीताराम डाक विभाग में मुलाजिम थे। वे चिट्ठियां बांटते, लोगों को चिट्ठियां पढ़कर सुनाते और उनके लिए चिट्ठियां लिखते भी थे। इसीलिए उनका नाम सीताराम से मुंशी सीताराम... Read more
…एक बुजुर्ग मेरे दादा जी से मंड्याली में कह रहा था, “मियां जी, भला ग्वालुआं बगैर भी कदी डांगरे चरे ? राजशाही के अतिरिक्त कोई दूसरी शासन व्यवस्था भी हो सकती है, ये उस समय लोगों की कल्पन... Read more
राजधानी शिमला में फैले पीलिया को लेकर बस में गर्मागरम बहस चल रही थी। पीछे की सीट से एक यात्री ने तल्ख होते हुए कहा, “भाई इससे तो अंग्रेजों का राज ही अच्छा था।” किसी ने भी इसका विरोध नहीं किय... Read more