मेरी जिन्दगी उसके साथ बीती है। आज प्रज्ञा के जगत में उसे विश्व- चेतना का वाहक माना जाता है।सितम्बर, 1970 में जब उसने मनाली में नवसंन्यास का सूत्रपात किया, तब मैं मैत्रेय के गुह्य मंडल के सबस... Read more
मैं जब बालक था और मनाली में एक रेस्तरां में नौकर था तो एक युवा अफ्रीकी लड़की मेडेलिन ने मुझे अपनी कविताओं का संग्रह दिया। किताब अंग्रेजी में थी। मनाली के पास जगतसुख गाँव में एक अनोखे शायर चाँ... Read more