बद्दी। कड़ी मेहनत, कुछ आधुनिक तकनीक और नतीजा आश्चर्यचकित कर
किसान गुरमेल सिंह सैणी और कश्मीर सिंह सैणी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने आलू का 3595 किस्म का बीज जालंधर से खरीदा था और उसे अपनी 10 बीघा भूमि में बोया। बाद में उत्पादन देख कर उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। आलू का प्रति बीघा 32 क्विंटल की औसत से उत्पादन हुआ, जोकि सामान्य से लगभग दो गुणा है। खेतों से निकले 500 से 800 ग्राम तक के आलू देख कर वे स्वयं भी हैरान रह गए। आस पास जिसने भी सुना सभी इन आलुओं को देखने उमड़ पड़े।
दोनों किसान भाइयों ने बताया कि आलू की फसल में उन्होंने देसी गोबर की खाद के साथ साथ डीएपी, पोटाश आदि रासायनिक खाद का भी प्रयोग किया था। क्षेत्र के कृषि विषयवाद विशेषज्ञ हंस राज मेहता भी कहते हैं कि गुरमेल सिंह सैणी और कश्मीर सिंह सैणी ने आलू की बंपर फसल पैदा कर वास्तव में ही रिकार्ड कायम किया है। आम तौर पर 1 बीघा भूमि में आलू की 18 क्विंटल तक ही पैदावार होती है, जबकि इन किसानों ने 32 क्विंटल आलू पैदा किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन किसानों ने आलू का बीज बोने से पहले एक विशेष बैक्टीरिया कल्चर से उपचार किया था। अन्य भी जिन किसानों ने यह तकनीक अपनाई है, उन्हें भी पैदावार में अच्छे नतीजे मिले हैं। विभाग समय- समय पर इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित भी करता है। कृषि विशेषज्ञ हंसराज मेहता ने बताया कि मानपुरा के इन दोनों किसान भाइयों को इस उपलब्धि के लिए विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
मानपुरा के किसानों ने उगाए आठ-आठ सौ ग्राम के आलू
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