कुल्लू। कुल्लू का अनूठा बसंत पंचमी उत्सव मंगलवार को यहां ढालपुर मैदान में
मंगलवार को दोहपर बाद रथ यात्रा ढालपुर मैदान से शुरू हुई और उसे रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर तक जयकारों के साथ लाया गया। रथ को खींचने के लिए लोगों में होड़ सी मची रही। रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर में करीब 2 घंटे तक अधिष्ठाता को देव विधि से गुलाल फैंका गया। इस परंपरा के निर्वहन के साथ ही कुल्लू में होली का आगाज हो जाता है।
रथ यात्रा के शुरू होने से पूर्व हनुमान वेशधारी व्यक्ति अपने केसरी रंग के साथ लोगों के बीच जाता है। केसरी नंदन के साथ स्पर्श के लिए लोग हनुमान जी के पीछे भागते हैं। मान्यता है कि जिन लोगों को हनुमान का केसरी रंग लगता है, उसकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं। इस दिन अधिकतर स्त्रियां पीले व सफेद वस्त्र पहनकर आती हैं। केसरी नंदन की कृपा दृष्टि लोगों के ऊपर पड़े, इसलिए उसके आगे आने के लिए लोग ललायित रहते हैं। रथ यात्रा में अधिष्ठाता रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सहित राजपरिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। शाम चार बजे रघुनाथ जी की रथ यात्रा फिर शुरू हुई और रथ मैदान के बाद उन्हें पालकी में बैठाकर उनके मूल मंदिर सुल्तानपुर ले जाया गया। इस रथ यात्रा में कुल्लू के हजारों लोग शामिल हुए और उन्होंने वर्ष के इस पहले आयोजन में शामिल होकर भगवान रघुनाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।