मंडी। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक गैस ही नहीं, बल्कि भूमिगत कच्चे तेल का भंडार भी मौजूद है। मंडी जिला के बल्ह
बल्ह क्षेत्र में सैहल गांव के वासी रणवीर सिंह सिपहिया ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वे महसूस कर रहे थे कि उनके कुएं के पानी का स्वाद काफी बदल गया है। गौर करने पर पाया कि कुएं से निकाले गए पानी की सतह पर तेल की परत बन रही है। रणवीर सिंह ने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य (आईपीएच) विभाग से पानी की जांच कराने का आग्रह किया। विभाग ने इस पानी के दो सेंपल भरे और जांच में पाया कि कुएं के पानी में भूमिगत कच्चा तेल मिला हुआ है।
रणवीर सिंह सिपहिया और आईपीएच विभाग ने मंडी के उपमंडल अधिकारी मदन कुमार को इसकी सूचना दी तो प्रशासन एकाएक हरकत में आ गया। उपमंडल अधिकारी ने तुरंत आईपीएच विभाग को निर्देश दिए कि कुएं के पानी की फिर से विस्तृत जांच कराई जाए। उसके बाद ही इस रिपोर्ट को ओएनजीसी को सौंपा जाएगा।
उपमंडल अधिकारी मदन कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सैहल गांव में एक कुएं से कच्चा तेल मिश्रित पानी निकलने की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि आईपीएच विभाग को इस पानी की फिर से विस्तृत जांच के लिए कहा गया है। रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर उसे ओएनजीसी को भेजा जाएगा। ओएनजीसी अपनी जांच के बाद ही बता पाएगा कि गांव में प्राकृतिक कच्चा तेल कितनी मात्रा एवं कितनी गहराई में है। उसके बाद ही तेल की खुदाई के बारे में कोई निर्णय लिया जा सकेगा।
प्राकृतिक गैस का भंडार, लेकिन नहीं हो पाया दोहनः हिमाचल प्रदेश में दशकों से जगह- जगह प्राकृतिक गैस का रिसाव हो रहा है। जलती गैस के भभके उठते रहते हैं, लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के कारण गैस का दोहन नहीं किया जा सका। ओएनजीसी ने समय- समय पर कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर जिलों में करीब डेढ़ दर्जन क्षेत्रों में ड्रिलिंग की, लेकिन परिणाम निकलने से पहले ही विवादित ढंग से काम रोक दिया गया।
जानकारों का कहना है कि आज इसके लिए आधुनिक तकनीक भी उपलब्ध है, जिसकी सहायता से अमरीका सहित विभिन्न देशों ने कठोर चट्टानों को चीर कर प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल का सफलतापूर्वक दोहन किया है। इस तकनीक के प्रयोग से प्रदेश में प्राकृतिक गैस और तेल का आसानी से दोहन किया जा सकेगा।
मंडी में पहली बार भूमिगत कच्चे तेल की मौजूदगी का पता चला है। ग्रामीणों और प्रशासन में इसे लेकर भारी उत्साह है, लेकिन इसके दोहन के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की भी उतनी ही जरूरत पड़ेगी।