शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने कर्मचारियों, किसानों-बागवानों, कारोबारियों, महिलाओं और बुजुर्गों समेत हर तबके को खुश करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को विधानसभा में 18वां बजट पेश किया। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के अलावा प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजित करने के भी सपने दिखाए हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन और न्यूनतम दिहाड़ी में बढ़ोतरी के साथ निचले तबके के कर्मचारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश की आय कैसे बढ़ेगी, इस पर बजट भाषण में कुछ भी उल्लेख नहीं है। अतः बजट हमेशा की तरह केंद्रीय मदद पर ही निर्भर है। हालांकि विशेष राज्य का दर्जा छिन जाने से प्रदेश को केंद्र से उदार सहायता की भी उम्मीद नहीं है।
वर्ष 2015-16 के लिए प्रस्तुत कुल 28,339 करोड़ रुपये के बजट में 3,285 करोड़ रुपये घाटे का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष 2014-15 में कुल 23,614 करोड़ के बजट में 5,354 करोड़ रुपये घाटे का अनुमान था।
बजट के मुख्य अंशों का सारांश निम्न प्रकार से हैः-
केन्द्रीय विद्यालय’ के छात्रों को HRTC की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा दी जाएगी। सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए, लिए जाने वाले हल्फ्नामे के स्थान पर सादे कागज़ पर प्रार्थी द्वारा स्वं घोषणा ही काफी होगी। समस्त सरकारी विभागों की प्रापण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए और विभागों में भी ई-प्रापण (ई- निविदा) प्रणाली का विस्तार किया जाएगा।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा लोक निर्माण विभागों में योजनाओं को समय पर पूरा करने तथा उनके समुचित अनुश्रवण के लिए ठेका प्रबन्धन सूचना व्यवस्था आरम्भ होगी। विधायक क्षेत्रीय विकास निधि योजना की राशि रु 50 लाख से बढ़ाकर रु 70 लाख की गई।
प्रदेश में फसल प्रबन्धन की रु 1,000 करोड़ की एक नई परियोजना विश्व बैंक से वित्तपोषण करवाने हेतु स्वीकृत।खाद्य उपदान योजना जारी रखने के लिए रु 210 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित। सभी पात्र निवासियों को डिजिटल राशन कार्ड जारी होंगे। प्रदेश में खाद्यान्न भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए गोदाम/भण्डार निर्माण हेतु अतिरिक्त रु 4 करोड़ प्रस्तावित। 154 करोड़ रुपये की ‘राजीव गांधी सूक्ष्म-सिंचाई योजना’ लागू की जाएगी। प्रदेश में वैयक्तिक या किसानों के समूह द्वारा उठाऊ सिंचाई योजनाओं अथवा बोरवैल स्थापित करने पर 50 प्रतिशत उपदान का प्रस्ताव।
मिट्टी की उर्वरता के क्षेत्रवार मानचित्र ऑनलाईन उपलब्ध करवाए जाएंगे। एक लाख किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे। बेमौसमी सब्जियों के प्रोत्साहन के लिए रु 60 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित। सब्जी नर्सरी उत्पादन के लिए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना’ नामक नई योजना आरम्भ। 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ 20,000 केंचुआ खाद इकाईयां स्थापित होंगी।
हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड को विपणन मण्डिया विकसित करने के लिए रु 10 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रावधान। चारा विकास के लिए नई योजना ‘उत्तम चारा उपदान योजना’ आरम्भ होगी। टोका मशीन उपदान बी.पी.एल किसानों को भी मिलेगा। किसान एवं खेतीहर मज़दूरों को जीवन बीमा प्रदान करने की दृष्टि से ‘मुख्य मन्त्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर जीवन सुरक्षा योजना’ आरम्भ। उच्च मूल्य फल, फूल एवं सब्जियों की संरक्षित खेती के अधीन 2 लाख मीटर क्षेत्र लाया जाएगा। मधुमक्खियों द्वारा परागण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार की और से 30 प्रतिशत अतिरिक्त उपदान का प्रस्ताव।
मौसम आधारित फसल बीमा योजना प्रदेश के सभी खण्डों में लागू की जाएगी। तीन शीत भण्डारण केन्द्रों को सी.ए भण्डारण केन्द्रों में परिवर्तित करने के लिए HPMC को रु 5 करोड़ देने का प्रस्ताव।
दुग्ध प्रापण मूल्य में एक रुपये प्रति लीटर की वृद्धि। हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ को रु 15 करोड़ की अनुदान सहायता दी जाएगी। दुग्ध सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत उपदान पर दुग्ध संस्करण एवं अभीशीतन इकाईयां स्थापित करने के लिए नई योजना। जर्मनी का KfW बैंक रु 310 करोड़ के HP Forest Eco-Systems Climate Proofing Project का वित्तपोषण करेगा।
मनरेगा के अन्तर्गत कच्चा जल टैंक को पॉली लाईनड्/पक्का जल टैंक में परिवर्तित करने हेतु अतिरिक्त सामग्री के लिए रु 20 करोड़ का प्रावधान। 50 करोड़ व्यय कर जलागम विकास कार्यक्रम के तहत 40,000 हैक्टेयर क्षेत्र विकसित होगा।
विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी को रु 75,000 के उपदान के साथ 10,000 आवास निर्मित होंगे। सरकार, पंचायतों को रु 109 करोड़ जारी करेगी। 14वें वित्तायोग की संस्तुतियों के अनुरूप भी पंचायतों को अतिरिक्त रु 195 करोड़ जारी होंगे। किसानों तथा स्वयं सहायता समूहों को रु 10 लाख तक की मोर्टगेज डीड पर स्टाम्प शुल्क में छूट। रु 7.50 लाख तक के शिक्षा ऋण प्राप्त करने पर मोर्टगेज के लिए स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क में छूट।
आपदा राहत के लिए रु 236 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित।अगले 3 वर्षों में सभी शेष 512 जलापूर्ति योजनाओं में जल उपचार संयंत्र/फिलटर बैड लगाए जाएंगे। वर्ष 2015-16 में इसके लिए रु 20 करोड़ का प्रावधान। नादौन मध्यम सिंचाई तथा फिन्नासिंह सिंचाई परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के लिए रु 45 करोड़ आवंटित।
3,500 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के अधीन लाने के लिए रु 154 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को जलापूर्ति एवं सिंचाई योजनाओं के ऊर्जा शुल्क के भुगतान के लिए रु 330 करोड़ उपलब्ध होंगे। बाढ़ बचाव संरक्षण कार्यां के लिए रु 187 करोड़ प्रस्तावित। वर्ष 2015-16 में 1050 मैगावाट जलविद्युत क्षमता का दोहन होगा।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक परियोजनाओं के समकक्ष माना जाएगा। 5 मैगावाट क्षमता तक की परियोजना के शुल्क का नियमन/स्वीकृति राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाएगा तथा पूरी ऊर्जा का क्रय HPSEBL द्वारा किया जाएगा।
सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बाजार भाव से कम मूल्य पर 3-3 एल.ई.डी. बल्ब उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा बल्ब की कीमत रु 10 प्रति बल्ब के आधार पर बिजली के बिल के साथ ली जाएगी।
एल.ई.डी. बल्ब पर वैट को 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा। टेरी द्वारा प्रमाणित अथवा केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रमाणित ऊर्जा दक्ष चूल्हों पर वैट में छूट। HPSEBL को घरेलू उपभोक्ताओं को उपदान दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए रु 380 करोड़ दिए जाएंगे। प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए रु 40 करोड़ तथा बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास
प्राधिकरण में विभिन्न विकास कार्यों के लिए रु 20 करोड़ का प्रावधान। नये उद्योग/कारखाने स्थापित करने पर Industrial Input पर मात्र एक प्रतिशत प्रवेश कर। निर्धारित एक्सट्रा हाई टेन्शन (EHT) श्रेणी उपभोक्ताओं के लिए विद्युत शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत, EHT को छोड कर मध्यम तथा बडे उद्योगों के लिए
13 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत एवं लघु उद्योगों केलिए 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया। नई EHT श्रेणी सहित कोई भी नया उद्योग जो 300 से अधिक हिमाचलियों को रोज़गार देगा, को 5 वर्ष तक केवल 1 प्रतिशत विद्युत शुल्क देना होगा।
कांगड़ा ज़िले के कदरोड़ी और ऊना ज़िले के पंडोगा में क्रमशः रु 107 एवं रु 112 करोड़ व्यय कर अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होंगे। गत 12 माह में 50 दिनों तक कार्य करने वाले मनरेगा कार्यकर्ता हि.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के लाभार्थी के रूप में पंजीकृत होंगे। सभी ज़िला रोजगार कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, आई.टी.आई. तथा इंजीनियरिंग सस्थानों में रोज़गार एवं कैरियर गाईडेन्स उपलब्ध होगी। HRTC के लिए JNNURM के तहत् 800 नई बसें खरीदी जाएंगी।
वाहन मालिकों की सुविधा के लिए परिवहन एवं यात्री कान्ट्रेक्ट केरियेज वाहनों पर शुल्क को परिवहन विभाग को स्थानांतरित किया जाएगा। नए बस अड्डों के निर्माण के लिए रु 10 करोड़ दिए जाएंगे। HRTC को सहायता अनुदान एवं इक्विटी के रूप में 200 करोड़ का प्रावधान।
लोक निर्माण विभाग में कार्यों की गुणवत्ता के अनुश्रवण के लिए क्वालिटी मॉनीटर नियुक्त होंगे। दुर्घटना सम्भावित स्थलों पर स्टील क्रैश बैरियर स्थापित करने के लिए रु 50 करोड़ का प्रावधान। मौसम में बदलाव पर राज्य ज्ञान प्रकोष्ठ सुदृढ़ होगा। प्रभावी तथा पारदर्शी शुल्क एकत्र करने हेतु वैट एवं सी.एस.टी. के अन्तर्गत सभी पंजीकृत डीलरों के लिए ई-भुगतान अनिवार्य बनाया जाएगा।
डीलरों के लिए डीम्ड एसेसमैंट की योजना का सरलीकरण होगा। विभिन्न अधिनियमों के तहत सभी रिर्टन अपलोड करने के लिए काॅमन लाॅग-ईन आईडी की सुविधा होगी। सामान की पूरी आॅनलाईन घोषणा के साथ हिमाचल में प्रवेश करने वाले ट्रकों को बैरियर पर नहीं रोका जाएगा। ढाबा, हलवाई, चाय तथा चाट व्यापारियों के लिए वैट भुगतान के लिए छूट की सीमा को बढ़ाकर रु 8 लाख किया जाएगा। रु 25 लाख से कम कारोबार वाले छोटे व्यापारियों को रु 2 लाख का समूह दुर्घटना बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
अन्तर-प्रदेशीय क्रय-विक्रय को भी एकमुश्त योजना के दायरे में लाया जाएगा। ट्रक/बसों की बाॅडी फेब्रीकेशन पर वैट को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा। पैकेजड् वाटर बोटल पर सी.जी.सी.आर. कर को घटाया जाएगा। चण्डीगढ़ से शिमला तथा अन्य पर्यटक स्थलों के लिए हैलीकॉपटर सेवा आरम्भ करने के लिए निजी पार्टियों को आमंत्रित किया जाएगा।
जादूगरी तथा सर्कस के करतब दिखाने वालों को 10 वर्षों तक मनोरंजन शुल्क के भुगतान में छूट। 62 मिलियन यू.एस डालर से समुदाय आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए पर्यटन सम्बन्धी अधोसंरचना का विकास।साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एअरो-स्पोर्टस नियम सरल बनाए जाएंगे। राजीव गांधी डिजीटल योजना के अन्तर्गत 10वीं तथा 12वीं के 10,000 मेधावी छात्रों को नेटबुक/लैपटाप प्रदान किए जाएंगे।
100 और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में व्यायसायिक प्रशिक्षण आरम्भ होगा तथा 200 व्यावसायिक शिक्षक नियुक्त होंगे।राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दो वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाएगा। उन्हें नकद पुरस्कार के एवज़ में एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि भी दी जाएगी। विजुअल एवं फाईन आर्टस को बढ़ावा देने के लिए अलग से एक ललित कला महाविद्यालय खोला जाएगा।
स्थापित आई.टी.आई में अतिरिक्त मांग आधारित एवं रोज़गारोन्मुखी ट्रेड आरम्भ होंगे तथा सोलन ज़िले के नालागढ़ और कांगड़ा ज़िले के बड़ोह की आई.टी.आई को आदर्श आई.टी.आई. के रूप में स्तरोन्नत किया जाएगा।
सम्बन्धित ट्रेड के साथ 400 छात्र प्रवेश क्षमता वाली 10 नई अत्याधुनिक आई.टी.आई. खोली जाएंगी। जनजातीय तथा दुर्गम क्षेत्रों/पिछड़ी पंचायतों में निजी भूमि पर नई आई.टी.आई स्थापित करने वाले उद्यमियों से स्टाम्प शुल्क का केवल 50 प्रतिशत वसूला जाएगा। आईटी.आई आरम्भ करने के उपरान्त उन्हें रु 10 लाख की भवन सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। शिमला ज़िले के झुडंला में क्षेत्रीय महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान खुलेगा।
प्रदेश में कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम’ स्थापित होगा। सन्निर्माण कामगारों के कौशल विकास स्तरोन्यन के लिए कौशल विकास संस्थान स्थापित होगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 8,000 ग्रामीण युवाओं तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविकामिशन के अन्तर्गत 5,000 शहरी गरीबों को उपयुक्त कौशल प्रदान किया जाएगा।
कौशल विकास भत्ते के लिए रु 100 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए ज़िला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है,
अन्तरंग सभागार निर्मित होंगे। इस उद्देश्य के लिए रु 25 करोड़ के बजट का प्रावधान।
बहुउद्देशीय अन्तरंग खेल स्टेडियम, ज़िला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, निर्मित होंगे। प्रदेश में खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस उद्देश्य के खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस उद्देश्य के लिए रु 35 करोड़ का प्रावधान।
युवा क्लबों की वार्षिक सहायता को बढ़ाकर रु 20,000 किया जाएगा। सभी प्रत्यायित एवं मान्यता प्राप्त पत्रकारों को क्रमशः रु 5 लाख एवं रु 3 लाख तक समूह दुर्घटना बीमा के दायरे में लाया जाएगा। प्रेस क्लबों के निर्माण के लिए रु 1 करोड़ प्रस्तावित। बिलासपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान स्थापित होगा। नाहन, चम्बा तथा
हमीरपुर में रु 189-189 करोड़ खर्च कर तीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। IGMC में रु 150 करोड़ की लागत से Tertiary Care Services के लिए Super Speciality Block निर्मित किया जाएगा।
सभी ज़िला अस्पतालों में चरणबद्ध तरीके से बर्न यूनिट स्थापित की जाएंगी। सार्वजनिक-निजी सहभागिता के अन्तर्गत नागरिक अस्पताल केलांग एवं काज़ा, सिरमौर तथा चम्बा ज़िलों के 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोडरा-क्वार में पायलट आधार पर टेली-मैडिसन परियोजना आरम्भ होगी। 7,750 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण के उपरान्त गांवों में तैनात किया जाएगा।
चिकित्सकों के 200 तथा पैरा मेडिकल कर्मियों के 500 पद भरे जाएंगे। स्वास्थ्य उप केन्द्र स्तर पर रक्त शर्करा परीक्षण सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। सभी ज़िला अस्पतालों में बुज़ुर्गों के लिए वार्ड खोले जाएंगे।
उन एकल नारियों एवं 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अथवा किसी अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना के दायरे में नहीं आते, के लिए ‘मुख्य मन्त्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना’ आरम्भ होगी।
सार्वजनिक-निजी-सहभागिता के अन्तर्गत पहाडी कस्बों का अध्ययन, इसके अतिरिक्त नीदरलैंड सरकार के सहयोग से सुन्दरनगर तथा धर्मशाला समूहों में ठोस कचरा प्रबन्धन के लिए एक पायलट अध्ययन आरम्भ होगा। शहरी/अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में मलनिकासी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए रु 30 करोड़ उपलब्ध करवाए जाएंगे।
पार्किंग सुविधा विकसित करने वाले शहरी स्थानीय निकायों को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए रु 15 करोड़ के बजट आवंटन का प्रस्ताव।
शिमला स्थित सर्कुलर/कार्ट रोड को चैड़ा किया जाएगा। नगर निगम शिमला को निगम में विलय किए गए क्षेत्रों में चिन्हित अधोसंरचना विकास योजनाओं हेतु रु 3 करोड़ का अतिरिक्त अनुदान।
सभी योजना क्षेत्रों में मिक्सड् लैंड यूज को प्रोत्साहन दिया जाएगा। ‘Land Owners Become Partners in Development with HIMUDA’ नामक एक नई आवास योजना आरम्भ होगी।
स्वरोज़गार के लिए महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को रु 2,500 से बढ़ाकर रु 5,000 किया जाएगा।
कन्या भ्रूण हत्या पर नियत्रंण पाने हेतु, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं तथा ग्राम स्तरीय अनुश्रवण सहायता समितियो ं के माध्यम से गर्भावस्था पर निगरानी रखने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी।
दो बालिकाओं तक के ऐसे परिवार जिनमें कोई लड़का नहीं हैं, की लड़कियों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। 6 वर्ष की आयु तक की सभी कन्याओं को मुफ्त चिकित्सा सुविधा। ‘बेटी है अनमोल’ योजना के तहत पहली से 12वीं कक्षा तक कन्याओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
एक कन्या के उपरांत स्थाई परिवार नियोजन अपनाने वाले दम्पत्तियों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर रु 35,000 तथा दो कन्याओं के उपरान्त स्थाई परिवार नियोजन अपनाने वाले दम्पत्तियों की राशि बढ़ाकर रु 25,000 की जाएगी। बाल गृह में शिक्षा पूरी कर बाल गृह छोड़ गई कन्याओं की आगे की पढ़ाई के लिए किसी भी सरकारी संस्थान में प्रवेश लेने पर, पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
अपंग, वृद्ध एवं विधवाओं की सामाजिक सुरक्षा पैंशन रु 550 से बढ़ाकर रु 600 प्रतिमाह की जाएगी। 70 प्रतिशत से अधिक अपंग व्यक्तियों तथा 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा पैंशन अब रु 1,100 प्रतिमाह होगी।
बुजु़र्ग व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए Integrated Scheme for Older Persons सुधार किए जाएंगे। फाॅलोअप कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सिलाई मशीन खरीद के लिए सहायता रु 1,200 से बढ़ाकर रु 1,800 की जाएगी। अल्पसंख्यक विकास के लिए सरकार के रु 2 करोड़ के योगदान से काॅर्पस फंड स्थापित होगा।
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हिमाचल के मूल निवासियों को कोचिंग सहायता के रूप में प्रति उम्मीदवार रु 30,000 प्रदान किए जाएंगे।
द्वितीय विश्व युद्ध के वयोवृद्ध सैनिकों की वित्तीय सहायता को रु 2,000 से बढ़ाकर रु 3,000 किया गया। धर्मशाला में State War Memorial Museum की स्थापना के लिए रु 3 करोड़ किए जाएंगे।
सैनिक विश्राम गृहों की मुरम्मत के लिए रु 2 करोड़ का प्रावधान। प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सभी पुलिस चैकियों को अधीनस्थ पुलिस थानों के रूप में नामित किया जाएगा। गृह आरक्षियों के मानदेय को रु 260 से बढ़ाकर रु 280 प्रतिदिन किया जाएगा। घुमारवीं, सरकाघाट और सुन्नी में तीन और अग्निशमन चैकियां स्थापित होंगी।
सेवाकाल के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर रोज़गार प्रदान करने के लिए आय सीमा को बढ़ाकर रु 1.50 लाख प्रतिवर्ष किया जाएगा। न्यूनतम दिहाड़ी 170 रुपये से बढ़ाकर 180 रुपये की जाएगी। 31 मार्च, 2015 को 7 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले दैनिकभोगी नियमित होंगे।
31 मार्च, 2015 को 8 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अंशकालिक कर्मी दैनिकभोगी बनेंगे। अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय रु 1,500 से बढ़ाकर रु 1,700 प्रतिमाह किया गया।
31 मार्च, 2015 को 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अनुबन्ध कर्मी नियमित होंगे। महिला अनुबन्ध कर्मियों के मातृत्व अवकाश को 112 दिन से बढ़ाकर 135 दिन किया गया।
दिहाड़ीदार, अंशकालिक कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाएं तथा मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को ‘मुख्यमन्त्री राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के दायरे में लाया जाएगा।
नये सरकारी आवासों के निर्माण तथा वर्तमान सरकारी आवासों की मुरम्मत के लिए क्रमशः रु 30 करोड़ व रु 15 करोड़ का अतिरिक्त बजट प्रावधान। पुलिस आवासों के लिए रु 20 करोड़ का प्रावधान।
मनरेगा कार्यकर्ता, कृषि एवं बागवानी मज़दूर, दुकानों में काम करने वाले कामगार तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों के लिए पैंशन योजना।