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पटना। बिहार में परीक्षाएं मजाक बन कर रह गई हैं। स्कूली परीक्षा हो चाहे कोई भर्ती परीक्षा, हर जगह हेराफेरी खुल कर सामने आ रही है। बिहार में मैट्रिक परीक्षा में नकल की ख़बरों के बाद अब यहां सिपाही भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी उम्मीदवारों के शामिल होने का मामला सामने आया है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) से मिली जानकारी के मुताबिक पटना में चल रही स्क्रूटनी के दौरान अब तक 1086 फर्ज़ी उम्मीदवार पकड़े गए हैं। फिलहाल वे जेल की हवा खा रहे हैं। स्क्रूटनी पटना स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में चल रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक ये ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने लिखित परीक्षा में सफल होने के लिए पैसे देकर अपनी जगह दूसरों को बैठाया था। फर्ज़ी उम्मीदवारों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है क्योंकि स्क्रूटनी 14 अप्रैल तक चलेगी। दो अप्रैल से महिला उम्मीदवारों की जांच की जानी है।
बायोमीट्रिक डाटा से पकड़े गएः वर्ष 2014 के अक्तूबर महीने में केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने 12 हज़ार सिपाहियों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में सफल रहे लगभग 55 हज़ार उम्मीदवारों की स्क्रूटनी का काम इस महीने की 16 तारीख को शुरू हुआ। पूरे मामले के बारे में विशेष प्रशासनिक अधिकारी आनंद प्रकाश ने बताया, ‘‘लिखित परीक्षा के दौरान हमें बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी उम्मीदवारों के शामिल होने की खबरें मिली थीं। ऐसे में हमने उन्हें स्क्रूटनी के दौरान पकड़ने की योजना बनाई।’’
पर्षद द्वारा अपनाए गए तरीकों की जानकारी देते हुए आनंद प्रकाश ने कहा, ‘‘लिखित परीक्षा के दौरान लिए गए अंगूठे के निशान के बायोमीट्रिक डाटा और हस्ताक्षर मिलाने से उम्मीदवार पकड़े गए।’’ पकड़े गए सभी फ़र्ज़ी उम्मीदवारों को जेल भेजा जा चुका है।
दिलचस्प यह भी है कि फ़िज़िकल टेस्ट के दौरान भी कुछ उम्मीदवार फ़र्ज़ी तरीके अपनाने से नहीं चूक रहे। आनंद प्रकाश के मुताबिक ऐसे दर्जन भर मामले सामने आए हैं जिनमें सफल उम्मीदवारों ने शारीरिक जांच के लिए अपनी जगह किसी दूसरे को भेज दिया। शारीरिक जांच पटना के गर्दनीबाग स्टेडियम में चल रही है।
आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में मैट्रिक परीक्षा में नकल की ख़बरें आने पर टिप्पणी की थी कि यदि वे मुख्यमंत्री होते तो विद्यार्थियों को परीक्षा के समय पुस्तकें साथ ले जाने की इजाजत दे देते।