छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार ने माओवादी हमले में मारे गए जवानों के कफन- दफन में हुए खर्चे की रिकवरी का
ये नोटिस ऐसे समय में थमाया गया है, जब छत्तीसगढ़ में तीन दिन में चार माओवादी हमलों में पुलिस के 13 जवान मारे गए हैं। बुधवार सुबह ही नक्सलियों ने पुलिस के अगवा जवान बसंत वीरा की हत्या कर दी, जिनका सात अप्रैल को अपहरण कर लिया गया था।
माओवादी हमले में मारे गए जवान के परिजनों को छ्त्तीसगढ़ पुलिस की ओर से मिले नोटिस में कहा गया है, “अंतिम संस्कार एवं कफन-दफ़न हेतु तत्कालिक रूप से अशासकीय निधि वेलफेयर फंड से अग्रिम 10 हज़ार रुपये आपके परिवार को दिया गया था…तत्संबंध में तत्काल उक्त मद में राशि जमा करने का कष्ट करें।” सरकार के इस नोटिस से मारे गए जवान के परिजन हैरान हैं।
वहीं ज़िले के एसपी अभिषेक पाठक ने कहा, “यह रक़म अशासकीय मद से दी गई थी, इसलिए इसे लौटाने के लिए नोटिस जारी करना बिल्कुल सही है।”
राज्य में पुलिस सुधार के लिए काम करने वाले ‘छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार’ के संयोजक राकेश यादव कहते हैं, “यह गहरे क्षोभ का विषय है कि छत्तीसगढ़ सरकार जवानों को पहले तो कफ़न के लिए पैसे देती है और फिर उसकी वसूली के लिए बेशर्मी से नोटिस भी थमा देती है।” उन्होंने कहा, “हमारे नीति निर्धारक पुलिस जवानों के प्रति क्या सोचते हैं, यह नोटिस उसी का प्रतीक है।”