बिलासपुर। इस रोमांचकारी दंगल में हर कोई दंग रह गया। एक युवती ने अचानक मेले में आए नामी पहलवानों को
इस बार यहां दंगल में महिला पहलवानों ने खूब रोमांच पैदा किया। पूरा मेला तालियों और सीटियों की आवाज से गूंज उठा। इसी दौरान एशियाड ब्रांज मेडल विजेता दिव्या सेन ने 18 वर्ष की आयु वर्ग के पुरूष पहलवानों को कुश्ती के लिए ओपन चेलेंज कर दिया। तीन नामी पहलवान मुकाबले के लिए आगे बढ़े, लेकिन हनुमान अखाड़ा दिल्ली की दिव्या सेन ने बारी-बारी उन सभी को चित कर दिया।
मेले में महिला वर्ग की कुश्ती प्रतियोगिताओं में मंडी की शिल्पा व तनुजा, दिल्ली की ललिता, हरियाणा की रमन दीप व ममता, दिल्ली की मनीषा, ऊना की मोनिका आदि पहलवानों ने भी अच्छे खेल का प्रदर्शन किया। हनुमान अखाड़ा दिल्ली की दिव्या सेन महिला वर्ग में अव्वल रहीं। दिव्या ने न केवल महिला पहलवानों बल्कि 65 किलोग्राम भार में पुरूषों को भी पछाड दिया। दिव्या ने जम्मू के लियासत अली और बिलासपुर के विजय कुमार को कड़े मुकाबले में पटकनी दी।
पुरूष वर्ग में भारत केसरी खिताब के फाइनल में दिल्ली के नवीन और मध्यप्रदेश के पहलवान खली के बीच आधा घंटे तक जोरदार मुकाबला हुआ। दिल्ली के नवीन पहलवान को विजयी घोषित कर दिया। भारत केसरी के विजेता पहलवान को गुर्ज के साथ एक लाख रुपये की नकद धनराशि ईनाम स्वरूप प्रदान की गई, जबकि उपविजेता रहे पहलवान को 75 हजार मिले।
हिमाचल केसरी खिताब के लिए पंजाब के इंद्रजीत और श्रीनयनादेवी के विशाल के बीच हुए मुकाबले में नयनादेवी का विशाल विजेता बना। भारत कुमार का खिताब चंबा के गन्नी पहलवान ने जीता। गन्नी ने दिल्ली के हनुमान अखाड़ा के अमित को हराया।