चमोली (गोपेश्वर)। सड़क के लिए अधिगृहित भूमि का पांच वर्ष बाद भी मुआवजा नहीं मिला तो किसानों ने सड़क खोद
दशोली विकासखंड में ग्रामसभा गौंणा के पठेला गांव से होते हुए वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत निजमूला-पाणा- ईराणी मोटर मार्ग का निर्माण किया गया था। सड़क निर्माण के दौरान पठेला के ग्रामीणों की 60 नाली भूमि भी काटी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के अधिकारियों ने काटी गई भूमि की पैमाइश कर ग्रामीणों को जल्द ही उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। लेकिन बाद में उन्हें ठेंगा दिका दिया गया। ग्रामीण पांच वर्ष तक अधिकारियों के पास चक्कर लगाते रहे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
अंततः ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए काटी अपनी भूमि पर फिर से खेती करने का निर्णय ले लिया। इसके लिए उन्होंने अपनी भूमि पर दीवार लगाकर सड़क को रोक दिया और फसल की बिजाई के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। सड़क बंद हो जाने से अब पाणा, ईराणी, झींझी, पगना क्षेत्र के ग्रामीण परेशान हैं। उनकी आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है।
पठेला गांव के दुलपी लाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे पांच वर्षों से मुआवजे के लिए पीएमजीएसवाइ तो कभी जिला प्रशासन के पास चक्कर काटते रहे, लेकिन उनकी किसी ने भी सुनवाई नहीं की। अंततः उन्होंने मिलकर निर्णय लिया कि वे अपनी जमीन पर पहले की तरह खेती करेंगे, क्योंकि उन्हें सड़क से ज्यादा अपनी रोजी रोटी जरूरी है।
चमोली के जिलाधिकारी अशोक कुमार से इस संबंध में बात की गई तो उनका भी कहना था कि काश्तकारों को नियमानुसार भूमि का मुआवजा मिलना चाहिए। उनके अनुसार उन्होंने पीएमजीएसवाइ के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत मौके पर जाकर मुआवजे की प्रक्रिया को पूरा करे।
पीएमजीएसवाइ के अधिशासी अभियंता आरपी सिंह ने पूछने पर कहा कि ग्रामीणों के खेतों को सड़क निर्माण के लिए लिया गया था। इसके लिए मुआवजा भी स्वीकृत है तथा पैसा भी विभागीय खाते में जमा है, लेकिन उसे अभी तक ग्रामीणों को वितरित नहीं किया जा सका था। उन्होंने कहा कि मुआवजे को तत्काल बंटवाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।