शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में पत्रकारिता के क्षेत्र में हुए विकास पर संतोष व्यक्त करते हुए सुझाव दिया है कि मीडिया को
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हमेशा मीडिया को विशेष महत्व दिया है और सरकार पत्रकारों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि नैतिक पत्रकारिता और स्वस्थ लेखन का हमेशा ही समाज में स्वागत होता है। लोगों में जानगरूकता पैदा करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है तथा सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित करने में भी इसकी भूमिका अहम है। आज मीडिया का हर क्षेत्र में विकास हुआ है तथा यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि देश में मीडिया को बहुत शक्तियां प्राप्त है। ऐसे में पत्रकारों को चाहिए कि वे अपने कार्य के लिए स्वयं एक सीमा रेखा निर्धारित करे ताकि इन शक्तियों के दुरुपयोग की आशंका न रहे।
सूचना एवं जन समपर्क मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के मीडिया के साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं और उनकी सभी जायज मांगों पर राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देती आई है और भविष्य में भी उन्हें भरपूर सहयोग दिया जाएगा।
जनसत्ता के कार्यकारी संपादक ओम थानवी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि देश आज कठिन दौर से गुजर रहा है। भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता दो मुख्य चुनौतियां देश के सामने हैं, जिन पर चर्चा तो बहुत होती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं हो रहा। उन्होंने गत लोक सभा चुनाव में मीडिया की भूमिका पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह वास्तविक मामलों पर चुप्पी साधे रहा, जबकि उसे चुनाव प्रचार अभियान के तौर-तरीकों को सर्वोच्च प्राथमिकता से उठाना चाहिए था। उनका कहना था कि अगर मीडिया समाज के मुद्दों को पूरी पारदर्शिता के साथ उजागर करने में विफल रहता है तो स्वयं मीडिया की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े होंगे। श्री थानवी ने कहा कि पत्रकारों के लिए राष्ट्र व समाज हित सर्वोपरि होना चाहिए तथा मीडिया का यह कर्तव्य बनता है कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और शासन की खामियों को प्रमुखता से उठाएं। इसके लिए उन्हें किसी भी व्यक्ति के ओहदे की परवाह नहीं करनी चाहिए।
इससे पूर्व वरिष्ठ पत्रकार वेपा राव ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस वास्तव में मीडिया के लोगों के लिए आत्म विवेचन करने और भविष्य की रणनीति निर्धारित करने का अवसर होता है। उन्होंने कहा कि मीडिया एक सामाजिक हथियार है, जिसका प्रयोग समाज की बेहतरी के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजता के अधिकार व सार्वजनिक मामलों के बीच एक मामूली अंतर है और यह आवश्यक है कि मीडिया आम आदमी की निजता के अधिकारों को ठेस पहुंचाए बिना अपना कार्य करे। उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया है, ऐसे में उच्च मूल्यों को बनाए रखने की जरूरत है और समुचित प्रशिक्षण के माध्यम से युवा पत्रकारों में सकारात्मक सोच पैदा करनी होगी ताकि वे अपने दायित्व का सही निर्वहन कर सकें। निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क राकेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किय।