धर्मशाला। कांगड़ा जिला की बिलिंग घाटी देश के पहले पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के लिए सजने संवरने लगी है। इस वर्ल्ड
बिलिंग घाटी बैजनाथ उपंडल में बीड़ गांव से 14 किलोमीटर ऊपर की ओर 2400 मीटर की उंचाई पर है। इसे इटली के बाद विश्व की दूसरी बेहतरीन पैराग्लाइडिंग साइट का दर्जा हासिल है। बिलिंग से 200 किलोमीटर तक उड़ान की सुविधा मौजूद है। यहां अब तक सबसे लंबी उड़ान 132.5 किलोमीटर का रिकार्ड जेवियर रेमंड के नाम पर है।
बिलिंग घाटी में इससे पूर्व 6 बार प्री पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा चुका है। कुछ सुविधाओं की कमी के कारण यहां पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की इजाजत नहीं मिल रही थी। लेकिन वर्ष 2013 में यहां हुए प्री वर्ल्ड कप के बेहतरीन आयोजन के बाद पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप एसोसिएशन ने यहां वर्ल्ड कप के आयोजन को मंजूरी दे दी।
बिलिंग पैराग्लिडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने बताया कि इस पैराग्लाइडिंग साइट को और बेहतर बनाने के लिए यहां टेकऑफ साइट और लैंडिग साइट (बीड़) में अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस विश्वस्तरीय आयोजन को देखते हुए सरकार यहां सड़कों एवं अन्य सुविधाओं पर करीब 7 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने बताया कि इस दौरान यहां पर्यटकों के लिए फ्री फ्लायर व एयरोबेटिक्स की भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आयोजन के दौरान कुछ फिल्मी हस्तियों को भी आमंत्रित किया जा रहा है।
बिलिंग घाटी हवाई रोमांचक खेलों के लिए पहली बार 1984 में अस्तित्व में आई थी। उस समय यहां हैंग्लाइडिंग शुरू की गई थी। यहां हैंग्लाइडिंग की भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हो चुकी है। वर्ष 1992 में यहां पहली बार पैराग्लाइडिंग की शुरुआत हुई। यहां पहुंचे एक विदेशी पायलट ब्रू मिल्स ने यहां पैराग्लाइडिंग का सिलसिला शुरू किया था। उन्होंने ही पहली बार कई स्थानीय युवाओं को भी इसका प्रशिक्षण दिया। वर्ष 2003 में इस घाटी में पहला पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्डकप आयोजित किया गया था।