बद्दी। छात्रों के आंदोलन के कारण बद्दी विश्वविद्यालय में भारी तनाव की स्थिति बन गई है। आंदोलन पर काबू पाने के लिए
बेकाबू होते छात्रों को संभालने के लिए पुलिस जिला बद्दी ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया और आस पास के थानों के अलावा बटालियन का भी सहारा लिया। इसी बीच पुलिस और छात्राओं के बीच तीखी झड़पें भी हुई, जिसमें हल्का बल भी प्रयोग किया गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था छात्र को बिना गलती के हॉस्टल से हटाया गया है, यहां तक कि उसका पक्ष तक नहीं सुना गया। पुलिस ने बल प्रयोग कर गेट खोलने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने जहां छात्रों पर डंडे बरसाए, वहीं छात्राओं का घेरा तोडऩे के लिए धक्के दिये। छात्राओं की नारेबाजी से पूरा परिसर गूंजता रहा। थाना प्रभारी किसी तरह गेट पार कर अंदर तो चले गए, लेकिन उसके बाद गुस्साई छात्राओं ने लगभग आधा घंटे तक उनका घेराव किया। कई बार उन्होंने गेट से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन हर बार छात्राओं ने मानव श्रृंखला बनाकर उन्हें रोक लिया। काफी मान मनौव्वल के बाद ही थाना प्रभारी बाहर निकल पाए।
धरने पर बैठी छात्राओं- रितिका, ऊषा, निशिका, गरिमा, मीनाक्षी, निधि, कोमल, अमिता, साक्षी, नताशा और छात्रों- विपुल, मोंटी, निखिल, सूर्य ठाकुर व साहिल ने पत्रकारों से बातचीत कर कहा कि वार्डन ने द्वितीय वर्ष के एक छात्र को बिना कारण से हॉस्टल से निकाला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनसे 10 हजार रुपये विकास फंड लेता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर ठेंगा दिखा दिया जाता है। न कैंटीन का खाना खाने लायक होता है और न ही स्पोर्ट्स में कोई सुविधाएं दी जा रही हैं।
छात्राओं का कहना है कि उन्हें हॉस्टल में उनके साथ कैदियों जैसा व्यवहार होता है। चीफ वार्डन उनके चरित्र पर अंगुली उठा रहा है। छह बजे के बाद उन्हें ताले में बद कर दिया जाता है। खाने के लिए घटिया किस्म का खाना परोसा जाता है। यही नहीं उनसे फीस व फाइन के नाम पर मनमाने ठंग से पैसा वसूला जा रहा है।
उधर, चीफ वार्डन बी गुप्ता और रजिस्ट्रार नीरज कुमार ने का कहना था कि एक छात्र नियम तोड़ कर नए हॉस्टल में घुस रहा था। उसे रोका गया तो उसने पहले वार्डन के साथ अभद्र व्यवहार किया और उसके बाद सुरक्षाकमी के साथ भी बद्तमीजी की। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दो बार इस छात्र पर इस तरह के आरोप लग चुके है। विश्वविद्यालय में इस तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।