हरिद्वार। धर्म जगत में परेशानी का सबब बन चुके फर्जी शंकराचार्यों व महामंडलेश्वरों को शीघ्र ही धर्म संसद बुलाकार
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यहां ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया है, जिसमें अदालत ने स्वामी स्वारूपानंद को ही शंकराचार्य माना है, जबकि अनेक तथाकथित साधु इस पद पर अपना दावा जमाए हुए थे। अदालत के इस फैसले के बाद अब अखाड़ा परिषद भी फर्जी तरीके से शंकराचार्य और महामंडलेश्वर बने लोगों के खिलाफ आगे आई है। विभिन्न गद्दियों व पीठों पर गलत तरीके से शंकराचार्य और महामंडलेश्वर बने लोगों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। कुछ ऐसी पीठ, जिन्हें धर्म जगत में मान्यता ही नहीं है, का भी कुछ लोगों ने स्वयं को शंकराचार्य घोषित कर रखा है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास ने एक बयान जारी कर कहा है कि इन विवादों के निपटारे को लेकर अखाड़ा परिषद जल्द धर्म संसद बुलाएगी तथा इसकी तिथि सभी से विचार-विमर्श के बाद घोषित की जाएगी। ज्ञानदास का कहना है कि फर्जी शंकराचार्य तथा महामंडलेश्वर बने लोगों के कारण धर्म जगत को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। इससे संत समाज की प्रतिष्ठा को गहरा अघात लग रहा है। असल साधुओं को भी जनमानस के सामने जवाब देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद में ऐसे फर्जी शंकराचार्यों व महामंडलेश्वरों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
महंत ज्ञानदास ने यह भी बताया कि नासिक कुंभ में समस्त धर्माचार्यों और शंकराचार्यो की बैठक बुलाकर धर्माचार्य नियंत्रण बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।