बद्दी। निकटवर्ती गांव गुरूमाजरा में एक प्रवासी व्यवसाई ने 19 किलो 200 ग्राम का घीया उगाकर सबको हैरान कर
त्वरित माना पश्चिम बंगाल के गांव श्यामसुंदनपुर, तहसील झाडग़्राम, जिला मेदनीपुर के वासी हैं और यहां गुरूमाजरा में हेयर ड्रेसर का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वे घीये के कुछ बीज अपने गांव से लेकर आये थे, जिन्हें उन्होंने अपनी दुकान के समीप जगह बनाकर बोया। उसमें केवल गोबर की खाद डाली गई। कुछ ही दिनों में घीये की बेलें उनकी दुकान की छत पर फैल गई। उन्होंने बताया कि बेलों पर अपेक्षा से कहीं अधिक बड़े आकार के अनेक घीये लगे, जिन्हें देख कर लोग हैरान रह गए। इन्हीं में से एक सबसे बड़े घीये का वजन किया गया तो वह 19 किलो 200 ग्राम का निकला। सामान्यतः घीये 5-6 किलोग्राम से अधिक बड़े नहीं होते हैं।
स्थानीय पंचायत के पूर्व प्रधान ईश्वर ठाकुर, वार्ड पंच अब्दुल, देवी राम, प्यारे लाल व जीत राम ने बताया कि त्वरित माना द्वारा उगाए गए विशालकाय घीये को देख कर वे सभी हैरान हैं। इन्हें देखने बड़ी संख्या में लोग दूर- दूर से आ रहे हैं। त्वरित माना की तारीफ करते हुए उनका कहना था कि जो काम यहां के किसान नहीं कर सके वह एक प्रवासी व्यक्ति ने करके दिखाया है।
उधर, स्थानीय कृषि अधिकारी हंस राज मेहता ने भी बताया कि उन्होंने भी त्वरित माना द्वारा उगाए गए 19 किलो 200 ग्राम के घीये को देखा है। वास्तव में ही यह हैरान कर देने वाला था। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए त्वरित माना को कृषि विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
वर्षा और तूफान से गेहूं की फसल तबाहः बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा और तूफान से हजारों हेक्टेयर भूमि पर गेहूं, सरसों और प्याज की फसल पूरी तरह तहस-नहस हो गई है। अचानक आई इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों को एक बार फिर झिंझोड़कर रख दिया है। भारी वर्षा के कारण इससे पूर्व यहां मक्की की फसल को भी इसी तरह तबाह कर दिया था।
यहां ग्रामीण क्षेत्रों- बद्दी, बरोटीवाला, झाड़माजरी, कालूझिंडा, मंधाला, किशनपुरा, मानपुरा, सनेड़, लोदीमाजरा, संडोली, भुड्ड, पट्टा, साईं, शीतलपुर आदि में शुक्रवार रात मौसम ने किसानों पर भरी कहर ढाया है। सूबेदार अजीत सिंह, रामजी दास, हरभजन ठाकुर, राम करण, जोध सिंह, सुभाष शर्मा, अमर चंद ठाणा, सरदार नसीब सिंह, चौधरी देव राज, लायक राम, तरसेम चौधरी, जय किशन, लज्जा राम गुज्जर, दिला राम, राम भरोसे, सचेत सिंह, भाग राम, जगतार हीरा, पूर्व प्रधान दलीप सिंह व धर्मपाल, सोमनाथ मलपुर, करनैल सैणी, देवराज ठाकुर, दयाराम रेंजर, ईश्वर ठाकुर, कमल चंद, इंद्रपाल राणा, विनोद ठाकुर, बालकृष्ण शर्मा, हरीचंद ठाणा आदि किसानों ने बताया कि शुक्रवार रात भारी बारिश और तूफान के चलते उनकी गेहूं, प्याज व सरसों की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। लगातार हो रही बारिश के चलते खेतों में पानी खड़ा हो गया और तूफान ने फसलों को पूरी तरह बिछा कर रख दिया।
किसानों ने बताया कि इस बार अभी तक चल रहे अच्छे मौसम के कारण गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद थी। लेकिन शुक्रवार रात अचानक मौसम ने ऐसी करवट बदली कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया।
पीड़ित किसानों का कहना है कि इससे पूर्व उनकी मक्की की फसल भी इसी प्रकार भारी बारिश की भेंट चढ़ गई थी, लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। इस बार फिर मौसम ने धोखा किया है और किसान बर्बादी की कगार पर खड़े हो गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों में सेब और अन्य नकदी फसलों के नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है, उसी तरह उन्हें भी दिया जाए।
उधर, स्थानीय कृषि अधिकारी हंसराज मेहता ने भी बताया कि बारिश के कारण गेहूं की फसल सड़नी शुरू हो गई है। अगर किसानों ने गेहूं के खेतों के खड़े पानी की निकासी नहीं की तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।