शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सात वर्ष पूरा कर चुके लगभग सात हजार पीटीए शिक्षकों को नए साल का तोहफा देते हुए उन्हें
बैठक में करूणामूलक नीति में आवश्यक संशोधन कर सभी विभागों में चतुर्थ श्रेणी की करूणामूलक आधार पर नियुक्तियों में आयु सीमा में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। सुन्नी और धर्मशाला में आयोजित होने वाले दशहरा उत्सवों को जि़ला स्तरीय उत्सव का दर्जा देने का फैसला लिया गया। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में स्पाइस पार्क बनाने के लिए हि.प्र. कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 10 एकड़ भूमि को भारतीय स्पाइस बोर्ड को लीज पर देने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में हिमाचल प्रदेश वैट के संदर्भ में यह निर्णय लिया गया कि सरकारी लेन-देन के लिए कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक ट्रेजरी बैंक की तरह कार्य कर सकता है। बैठक में हिमफैड को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से मार्जन मनी के तौर पर 40 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने को स्वीकृति दी गई। यह स्वीकृति उत्पादन, प्रोसेसिंग, विपणन, स्टोरेज, कृषि उपज और निश्चित अधिसूचित वस्तुओं के सहकारी सिद्धांतों पर आयात और निर्यात की योजना और प्रोत्साहन कार्यक्रम के उद्देश्य से प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने नगर निगम शिमला के दायरे में सरकारी एवं निजी भूमि पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों के अनुरूप पेड़ गिराने की अनुमति प्रदान की। संख्याः 752/2014-पब 2 बैठक में कैल के कोन का परमिट शुल्क 500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित करने का निर्णय लिया गया जो पहले 1000 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कैल कोन के निर्यात शुल्क में वृद्धि के कारण इसके निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा कत्था निकालने के उपरान्त खैर की चिप्स को भी वन उत्पाद के रूप में निर्यात की अनुसूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए 10 रुपये प्रति क्विंटल परमिट शुल्क निर्धारित किया गया है। मंत्रिमंडल ने पांच मैगावाट कुरपन जल विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए मैसर्ज तारिणी इलैक्ट्रिक पावर लिमिटेड के पक्ष में कुल्लू जिले में सरकारी भूमि पट्टे पर देने का निर्णय लिया। इस कम्पनी को पट्टा नियमों के अनुरूप 40 वर्षों के लिए भूमि दी जाएगी और प्रत्येक पांच वर्ष बाद पांच प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। बैठक में किन्नौर जिला में 60 मैगावाट क्षमता के टीडोंग जल विद्युत परियोजना को बिना विस्तार शुल्क लिए छः माह की अवधि तक टाइमलाइन विस्तार देने का निर्णय लिया गया, जो परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपेगी जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि प्राकृतिक आपदा के कारण परियोजना स्थल पर सर्वेक्षण एवं जांच कार्य प्रभावित हुए। पांच मैगावाट लोअर सुमेज, 4.5 मैगावाट तोहुक और पांच मैगावाट करैरी जल विद्युत परियोजनाओं को बूट आधार पर निर्माण के लिए आवंटित करने के लिए नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित करने का निर्णय भी लिया गया। विश्व बैंक की सहायता से चल रही हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियोजना के अन्तर्गत मैहतपुर-ऊना-झलेड़ा-अम्ब सड़क पर पुलों, सम्पर्क मार्गों और इसे चौड़ा करने का शेष कार्य आवंटित करने का भी मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया। इस परियोजना पर 66 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश कोर्ट फीस, संशोधन, अध्यादेश, 2014 को स्वीकृति प्रदान की।
उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचिव पी.मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वीसी. फारका, अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत चैधरी, प्रधान सचिव राजस्व तरूण श्रीधर, प्रधान सचिव वित्त डॉ. श्रीकांत बाल्दी, प्रधान सचिव उद्योग आरडी धीमान, उद्योग विभाग के निदेशक राजेन्द्र सिंह, उद्योग सलाहकार राजेन्द्र चैहार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।