Warning: substr_count(): Empty substring in /home2/himnefg6/public_html/wp-content/plugins/ads-for-wp/output/functions.php on line 1274
गोपेश्वर (चमोली) । उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सरकारी उपेक्षा के चलते स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे ही चल रही हैं। राज्य के चमोली जिले को ही लें तो यहां चिकित्सकों के कुल स्वीकृत पदों में 70 प्रतिशत तक रिक्त पड़े हैं। यदि यहां के लिए चिकित्सकों को स्थानांतरित कर भेजा भी जाता है तो वे शीघ्र ही राजनेताओं के साथ जुगाड़ कर वापस मैदानों में लौट जाते हैं और पहाड़ी जनता अपने दुर्भाग्य के लिए कोसती रह जाती है।
चमोली के जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों के 36 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 11 पर ही चिकित्सक तैनात हैं। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सकों के स्वीकृत सभी 11 पद रिक्त पड़े हैं, जिस कारण मरीजों को इस ट्रॉमा सेंटर को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
जिला चिकित्सालय में लंबे समय से रिक्त फिजीशियन के पद पर मई 2013 को श्रीनगर के संयुक्त चिकित्सालय से एक फिजीशियन को स्थानांतरित कर भेजा गया था, लेकिन वे यहां ज्वाइनिंग देने के बाद अगले ही दिन वापस लौट गए। लगभग यही हाल अन्य चिकित्सकों के मामले में भी हुआ। यहां तैनात दंत रोग विशेषज्ञ का अनुबंध समाप्त होने के कारण गत फरवरी माह से यह पद भी रिक्त पड़ा है। दंत रोग विशेषज्ञ के नवीनीकरण का मामला निदेशालय स्तर पर लटका पड़ा है।
वास्तव में पूरे चमोली जिले में ही स्वास्थ्य सेवाओं की यही हालत है। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के कुल 140 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 28 चिकित्सक ही तैनात हैं। इनमें भी आठ आयुर्वेदिक और छह अनुबंध पर हैं।
जिला चिकित्सालय गोपेश्वर के सीएमएस डा. बीके शुक्ला का इस बारे कहना है कि चिकित्सकों के रिक्त पदों को लेकर सरकार के साथ पत्राचार चल रहा है।