नैनीताल। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के कारण चाहे धार्मिक पर्यटन की चूलें हिल चुकी हैं, लेकिन कार्बेट नेशनल पार्क
पिछले साल एक नवंबर को नैनीताल का यह कार्बेट नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए खोला गया था। तब से तीस जून तक यहां पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। पार्क प्रशासन के मुताबिक इस दौरान कार्बेट पार्क में 2,03,294 पर्यटक पहुंचे, जिससे प्रशासन को करीब सात करोड़ रुपये का राजस्व मिला। यहां बिजरानी, झिरना, दुर्गा देवी में एक दिवसीय भ्रमण में ही 1,71,801 पर्यटक पहुंचे थे, जिनमें 1,68115 भारतीय व 3686 विदेशी थे। ढिकाला, बिजरानी, झिरना में 19,964 पर्यटक रात को भी ठहरे, जिनमें 820 पर्यटक विदेशी थे।
टिहरी गढ़वाल जिले में मसूरी वन प्रभाग के तहत धनोल्टी में कुछ वर्ष पूर्व तक जंगलों के सिवा कुछ नहीं था। वर्ष 2008 में विभाग ने दो इको बना कर वहां पर्यटकों के विश्राम करने और मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराईं और उनके संचालन के लिए इको पर्यटन विकास समिति का गठन किया गया। आज यहां पर्यटकों के घूमने के लिए पार्क, खेल मैदान, रहने के लिए बैंबू हट, प्रदर्शनी हाल, स्मृति वन, वन शिल्प कुटीर और मनोरंजन व खाने के सभी साधन उपलब्ध हैं। पिछले छह वर्षों में यहां साढ़े छह लाख से अधिक पर्यटक आ चुके हैं तथा समिति को इससे करीब 1. 67 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।
उत्तराखंड धार्मिक पर्यटन के लिए विख्यात है। यहां विभिन्न धामों की यात्रा के लिए प्रति वर्ष करोड़ों पर्यटक पहुंचते थे, लेकिन गत वर्ष जून माह में आई प्रलय ने व्यापक स्तर पर तबाही मचाई, जिससे धार्मिक पर्यटन को बड़ा धक्का लगा। राज्य में कार्बेट और इको पार्क पर्यटन की इस कमी को दूर करते नजर आ रहे हैं।