हरिद्वार। मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को डाक से चिट्ठी में ‘तलाक, तलाक, तलाक’ लिखकर उससे पीछा
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पथरी क्षेत्र के गांव घिस्सपुरा निवासी नसीमा की शादी तीन साल पहले गांव दौड़बशी निवासी नवाब पुत्र बुंदू के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के तहत हुई थी। दहेज में लड़की के परिजनों ने काफी दान दहेज दिया था। निकाह के दौरान मात्र 15 सौ रुपये के मेहर बाधे थे। इस बीच पति- पत्नी के बीच के कुछ मनमुटाव शुरू हो गया तो नवाब ने पत्नी नसीमा को घर से निकाल दिया। उसके बाद नवाब ने पत्नी को डाक से लिखकर तलाक भेज दिया और निकाह के समय जो 15 सौ रुपये के मेहर बंधे थे, वह भी लौटा दिए।
गांव में इस बात का पता लगते ही ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने तुरंत समुदाय की पंचायत बुला ली। ग्राम प्रधान गालिब अंसारी के आवास पर पंचायत हुई, जिसमें डाक से तलाक देने वाले पति नवाब और उसके पिता को बुलाया गया। पंचायत का मत था कि डाक से लिख कर तलाक भेजने पर नवाब को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इसी बीच दोनों बेटे व पिता ने पंचायत से माफी मांग ली। अंततः पंचायत ने फैसला सुनाया कि पति तलाकशुदा पत्नी नसीमा को 60 हजार रुपये और दहेज में लिया सभी सामान वापस लौटाएगा। नवाब और उसके पिता ने पंचायत का यह फैसला मान लिया और तलाक स्वीकार हो गया। पंचायत में ग्राम प्रधान गालिब अंसारी, कांग्रेस नेता इरशाद अंसारी सहित अनेक ग्रामीणों ने भाग लिया।