अल्मोड़ा। किसानों एवं दुग्ध उत्पादकों के लिए यह एक उत्साहजनक खबर है। आप चाहें तो आपकी गाय से अब
कनाडा से आयातित इस डीप फ्रोजन सीमेन (डीएफएस) में सिर्फ एक्स क्रोमोसोम है, जिस कारण इस सीमेन से गाभिन गाय बछिया को ही जन्म देती है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इस तरह के पहले एवं अनूठे प्रयोग के लिए इस सीमेन को पशु अस्पतालों में सुरक्षित रखा गया है।
उत्तराखंड लाइव डेवलपमेंट बोर्ड (यूएलडीबी) द्वारा करीब तीन साल से कालसी देहरादून के डेयरी फार्म में यह प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। इसकी सफलता को देखते हुए इसे अब पर्वतीय जिलों में भी अमल में लाने का निर्णय लिया गया है। अल्मोड़ा जिले में राजकीय पशु अस्पताल अल्मोड़ा समेत रानीखेत, द्वाराहाट, बग्वालीपोखर व चौखुटिया पशु अस्पतालों में पहली बार यह सुविधा जुटाई गई है। राज्य के अन्य पहाड़ी जिलों में भी यह तकनीक अपनाई पहली अपनाई जा रही है। पशुपालकों के लिए इसमें सब्सिडी भी दी जा रही है। इस सीमेन से गाय को गाभिन करने में लगभग 1300 रुपये का खर्चा आता है। मगर सरकार से इसके लिए 50 फीसदी अनुदान मिलेगा।
दुग्ध क्षमता में भी सुधारः नए सीमेन से गाभिन गाय की दुग्ध क्षमता भी बेहतर पाई गई है। जर्सी व एचएफ गायों के लिए पृथक-पृथक सीमेन हैं। आकलन के अनुसार जर्सी गाय 7,700 लीटर दूध प्रति ब्यात और एचएफ गाय 11,000 लीटर दूध प्रति ब्यात देती है।
अल्मोड़ सदर में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.पूर्णिमा बनौला ने मीडिया को बताया कि अल्मोड़ा जिले में पहली बार गाय के लिए डीप फ्रोजन सीमेन उपलब्ध हुआ है। यूएलडीबी देहरादून के माध्यम से कनाडा से आयात किया गया है। यह अच्छी सुविधा है और जो पशुपालकों को 50 फीसदी अनुदान पर मिलेगी। इससे बछड़ा नहीं होने से आवारा पशुओं से भी निजात मिलने की उम्मीद है।