धर्मशाला। राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला में हुए कथित सामुहिक बलात्कार कांड पर प्रशासन के ढिलमुल रवैये को
मीडिया के साथ एक बातचीत में उनका कहना था कि इस मामले को प्रभावशाली लोगों के निर्देशों पर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस स्थानीय विधायक एवं मंत्री सुधीर शर्मा के इशारों पर काम कर रही है। यही कारण है जो आज चार दिन बाद भी इस कथित हाई प्रोफाइल कांड पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी तक भी कथित पीड़िता का पता न चलना कॉलेज प्रशासन और पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
उधर, सोशल मीडिया पर दिनभर तरह- तरह की खबरें उड़ती रहीं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सामुहिक बलात्कार कांड के अभियुक्तों में एक किसी मंत्री का भानजा और दूसरा स्थानीय महिला भाजपा नेता का पुत्र है, जबकि तीसरे अभियुक्त के बारे में कहा जा रहा है कि वह कालेज स्टाफ में से ही किसी एक का रिश्तेदार है। चौथे अभियुक्त के बारे में अनभिज्ञता जताई जा रही है। लेकिन इन खबरों की अभी तक किसी ने भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
यह भी कहा जा रहा है कि बलात्कार के बाद अभियुक्तों ने साक्ष्य मिटाने के लिए पीड़िता की हत्या करने का भी प्रयास किया और उसे मरणासन्न हालत में कहीं छोड़ गए, लेकिन वह जिंदा बच निकली। चर्चा तो यहां तक है कि टांडा मेडिकल कालेज अस्पताल में भी पीड़िता की हत्या का प्रयास किया गया, जिस कारण उसे इलाज के लिए कहीं अज्ञात स्थान पर ले जाना पड़ा है। लेकिन प्रशासन ने न इन खबरों की पुष्टि की है और न इसे झुठलाने में ही कामयाब हुआ है। पता चाला है कि मंत्री सुधीर शर्मा ने बुधवार को पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक कर उन्हें निर्देश दिए कि इस मामले को जल्द सुलझाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इसी बीच प्रदेशभर में छात्र संगठन इस मामले को लेकर आंदोलन की तैयारियों में जुट गए हैं। मंगलवार को धर्मशाला में छात्र संगठनों ने कॉलेज प्रिंसिपल का घेराव किया था। शिमला में भी छात्रों ने रोष रैली निकाली। अन्य जिलों में भी लोग आंदोलन के मूड़ में हैं।