पौड़ीगढ़वाल (कोटद्वार)। उत्तराखंड में सरकारी विद्यालयों में लगातार घट रही छात्र संख्या के कारण सरकार चिंतित हो
उत्तराखंड में सरकारी विद्यालयों में लगातार घट रही छात्र संख्या को लेकर तमाम शैक्षिक उन्नयन गोष्ठियों में खूब चर्चा होती हैं, लेकिन सरकार व प्रशासन ने इसे कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। कोटद्वार के राजकीय इंटर कॉलेज के प्रशासन ने अब छात्र संख्या बढ़ाने के लिए निजी विद्यालयों से सीख लेते हुए प्रचार की राह पकड़ी है। विद्यालय प्रशासन नगर क्षेत्र में बड़े होर्डिंगों के माध्यम से अभिभावकों को विद्यालय की खूबियों से अवगत करा रहा है और अपने बच्चों को इसमें दाखिला दिलाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही यहां निजी विद्यालयों ने क्षेत्र को होर्डिंग्स से पाट रखा है। निजी विद्यालयों के इन होर्डिंग्स के बीच राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार का भी एक होर्डिंग अलग नजर आ रहा है। यह पहला मौका है जब किसी सरकारी विद्यालय की ओर से क्षेत्र में होर्डिंग लगा कर अभिभावकों को विद्यालय के संबंध में जानकारी देते हुए प्रवेश प्रारंभ होने की सूचना दी गई हो।
कोटद्वार के राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जगमोहन सिंह रावत और गणित के अध्यापक संतोष सिंह नेगी ने निजी खर्च पर विद्यालय के होर्डिंग्स तैयार करवाकर उन्हें क्षेत्र में लगवाया है। प्रधानाचार्य मानते हैं कि वर्तमान में समाज उसी ओर अधिक भागता है, जो उसे बार-बार नजर आता है। निजी विद्यालय समाज की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर क्षेत्र को होर्डिंग्स से पाट देते हैं, जबकि सरकारी विद्यालय ऐसा नहीं कर पाते।
छात्र संख्या शून्य होने पर स्कूल बंदः कोटद्वार में ही प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय तैड़िया छात्र संख्या शून्य हो जाने के कारण बंद कर देना पड़ गया है। यह विद्यालय यहां वर्ष 1936 से अनवरत संचालित हो रहा था। यह विद्यालय वर्ष 1936 में डालमिया स्कूल के नाम पर खोला गया था, जिसे 1942 में राजकीय विद्यालय का दर्जा मिला। वर्ष 1945 में ग्रामीणों ने श्रमदान से विद्यालय का भवन निर्मित किया था। तब से अनवरत संचालित हो रहे इस विद्यालय में अंततः मंगलवार को ताले लटक गए। विद्यालय के सहायक अध्यापक अंबिका प्रसाद ध्यानी ने बताया कि विद्यालय में छात्र संख्या शून्य होने के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अवगत करवा दिया गया है। उधर, खंड शिक्षा अधिकारी नेत्र सिंह रावत ने बताया कि विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा।