देहरादून। उत्तराखंड में आंदोलनों की भरमार है। कहीं किसान आंदोलन पर हैं तो कहीं, कर्मचारी, मजदूर एवं ग्रामीण
दशोली विकासखंड के तहत पाणा, ईराणी सहित करीब एक दर्जन गांवों के वासियों की शिकायत है कि पूरे देश में दूरसंचार क्रांति आई है, मगर उनके क्षेत्र में आज भी दूरसंचार की कोई व्यवस्था नहीं है। निर्माणाधीन निजमूला- ईराणी- पाणा मोटर मार्ग का कार्य लंबे समय से बंद पड़ा है। ग्रामीण आज भी मीलों पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं। पाणा, ईराणी, झींझी, भनाली व बोंणा गांवों में बर्फबारी से बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन डेढ़ माह बाद भी इसकी मुरम्मत का काम शुरू तक नहीं हुआ। परिणामस्वरूप पूरा क्षेत्र अंधकार में डूबा हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। बार- बार आग्रह के बावजूद सरकार व प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सोमवार को तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक पाणा, ईराणी, झींझी, बनाली, बोंणा, दुर्मी, पगना, धारकुमाला, पठेला, गौंणा के ग्रामीण बस स्टेशन पर एकत्रित हुए और पारंपरिक वाद्यों के साथ नाचते गाते एवं नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। डीएम कार्यालय परिसर में ग्रामीणों का जुलूस प्रदर्शन में तब्दील हो गया। यहां भी क्रुद्ध ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्राम्य नेता देवेंद्र नेगी, जमुना देवी, जुपली देवी, सांवली देवी, आशा कुंवर आदि ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यदि शीघ्र की उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो, वे शीघ्र ही अनिश्चतकालीन धरना प्रदर्शन का सिलसिला शुरू कर देंगे।